भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में स्थिरता बनी हुई है, और स्वर्ण भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 4 जुलाई को समाप्त सप्ताह में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 699.736 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो एक सप्ताह पहले के 702.784 अरब डॉलर की तुलना में थोड़ी गिरावट दिखाता है। हालाँकि, देश का सोने का भंडार 34.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 84.846 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
आरबीआई की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत के विशेष आहरण अधिकार (SDR) 3.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.868 अरब डॉलर हो गए हैं। इसके साथ ही IMF में भारत का आरक्षित भंडार भी 10.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.735 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह वृद्धि उस समय देखी गई है जब वैश्विक बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में उछाल आया है।
देश में घरेलू सर्राफा बाजारों में शुक्रवार को सोना और चांदी दोनों में जबरदस्त तेजी देखी गई। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोना 465 रुपए बढ़कर 97,511 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया, जो एक दिन पहले 97,046 रुपए था। 22 कैरेट सोना बढ़कर 89,320 रुपए प्रति 10 ग्राम, जबकि 18 कैरेट सोना 73,133 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
चांदी ने भी नया इतिहास रच दिया है। पिछले 24 घंटों में चांदी की कीमतों में 2,356 रुपए की भारी वृद्धि दर्ज की गई और 1,10,290 रुपए प्रति किलोग्राम का नया सर्वकालिक उच्च स्तर छू लिया। यह 18 जून को दर्ज 1,09,550 रुपए के पुराने रिकॉर्ड को पार कर गया।
सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कीमती धातुओं में तेजी देखने को मिली। सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1.01% बढ़कर 3,358 डॉलर प्रति औंस, जबकि चांदी 2.92% बढ़कर 38.40 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई।
RBI ने बताया कि डॉलर के संदर्भ में विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के मूल्य में उतार-चढ़ाव का भी असर देखा जाता है। इन मुद्राओं की विनिमय दरों में बदलाव विदेशी मुद्रा भंडार के डॉलर-मूल्यांकन को प्रभावित करता है।
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, व्यापार शुल्कों को लेकर बढ़ती चिंताएं और जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते निवेशकों का रुझान सोने जैसी “सेफ हेवन” परिसंपत्तियों की ओर बढ़ रहा है। इसके चलते दुनिया भर में सोने और चांदी की मांग में वृद्धि देखी जा रही है।
गौरतलब है कि सितंबर 2024 के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर रहा है। वर्तमान भंडार, हालांकि उस स्तर से थोड़ा नीचे है, लेकिन फिर भी भारत को वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच एक मजबूत मुद्रा और वित्तीय संतुलन बनाए रखने में मदद कर रहा है।
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