इन बेटियों ने अपने पिता के शव को क्यों तीन दिन तक घर में छुपाये रखा, जानें

दोनों ने किया आत्महत्या का प्रयास, एक लड़की की मौत, दूसरी को बचाया गया

इन बेटियों ने अपने पिता के शव को क्यों तीन दिन तक घर में छुपाये रखा, जानें
मुंबई। पालघर जिले में एक दुखद घटना सामने आई है। लोगों में कोरोना प्रति इतना खौफ है कि लोग आत्महत्या तक कर ले रहे हैं। यहां दो बेटियों ने अपने पिता की मौत के बाद शव को तीन दिन तक कोरोना जांच के डर से घर में छुपाये रखा। इतना नहीं, दोनों ने आत्महत्या का प्रयास भी किया जिसमें एक लड़की की मौत हो गई जबकि दूसरी को बचा लिया गया। पुलिस ने बताया कि दोनों को डर था कि उनके पिता के शव की जांच की जाएगी और उन्हें क़्वारण्टीन में रखा जाएगा।
अरनाला सागरी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक राजू माने ने कहा कि सेवानिवृत राशन अधिकारी हरिदास सहरकर का क्षत-विक्षत शव बुधवार को विरार के गोकुल कस्बे में उनके घर से मिला। अधिकारी ने बताया कि मामला तब सामने आया जब सहरकर की छोटी बेटी स्वप्नाली (36) ने दिन में नवापुर में समुद्र में छलांग लगा दी और स्थानीय लोगों ने उसे बचा लिया।उन्होंने कहा कि जांच से पता चला कि सहरकर की रविवार को घर पर ही मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार ने इस डर से उनके शव को घर पर रख दिया कि वे कोविड-19 की चपेट में न आ जाएं और फिर क्वारंटीन में रहना पड़े। उन्होंने कहा कि मृतक व्यक्ति की बड़ी बेटी विद्या (40) ने नवापुर में समुद्र में कूदकर आत्महत्या कर ली और उसका शव मंगलवार को पुलिस ने बरामद कर लिया, जबकि छोटी बेटी ने उसी तरह आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन उसे बचा लिया गया।
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