मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोनरोधी टीका करण के ये आंकड़े आए दिन राज्य सरकार के आरोपों की पोल खोल रहे हैं कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को वैक्सीन उपलब्ध कराने में भेदभाव कर रहा है। गुरुवार को महाराष्ट्र में टीकाकरण का आंकड़ा साढ़े तीन करोड़ को पार कर गया। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव डॉ प्रदीप व्यास ने बताया कि 3.5 करोड़ वैक्सीन लगाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया। बुधवार तक महाराष्ट्र में 3 करोड़ 54 लाख लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है। महाराष्ट्र में करीब साढ़े नौ करोड़ लोगों को टीका लगाया जाना है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए इस साल 16 जनवरी को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से महाराष्ट्र साढ़े तीन करोड़ कोविड-19 टीके लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके पहले 25 जून को महाराष्ट्र ने तीन करोड़ का आंकड़ा पार किया था। टीकाकरण के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे और गुजरात तीसरे क्रमांक पर है।
टीका है जरूरी
अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की डोज लगवा चुके लोगों के लिए अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है। अमेरिका में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा कि जो लोग पूरी तरह से वैक्सिनेट हो चुके हैं, उन्हें मास्क की जरूरत नहीं है। वहीं, भारत में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए भी मास्क पहनना अनिवार्य बना हुआ है। इस बारे में देश में सरकार और मेडिकल बिरादरी का कहना है कि इस तरह की घोषणाएं अभी करना जल्दबाजी होगा। एम्स नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, वायरस लगातार म्यूटेट (रूप बदल रहा है) हो रहा है और एक अनिश्चितता है कि नए वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी असरदार है। ऐसे में जो लोग कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें भी एहतियात बरतने की जरूरत है। मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना उनके लिए अभी जरूरी है।
नए वेरिएंट से सावधानी जरूरी
डॉ. गुलेरिया ने कहा-मुझे लगता है कि कम से कम जब तक हमारे पास अधिक डेटा नहीं आता है, हमें अभी सतर्क रहने की जरूरत है। यह ध्यान में रखना चाहिए कि यह वायरस बहुत शातिर है और लगातार अपना रूप बदल रहा है। जहां तक नए उभरते वेरिएंट की बात है तो हम यह नहीं कह सकते कि वैक्सीन से कितनी सुरक्षा मिलेगी। इसलिए बेहतर होगा कि हम मास्क पहनते रहें और शारीरिक दूरी बनाकर रखें क्योंकि वेरिएंट चाहे जो भी हो, मास्क और डिस्टेंसिंग हमें बचाएगी।’