प्रदेश में सरकारी स्वीकृति नहीं होने के बावजूद निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं, ऐसे में शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है|ऐसे अनधिकृत विद्यालयों के खिलाफ शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पहले कार्रवाई की हिदायत दी गई है। शिक्षा विभाग जिले के अनधिकृत विद्यालयों की सूची प्रकाशित करे। माता-पिता को सूचित किया जाना चाहिए कि वे उस स्कूल में प्रवेश न लें। यह स्पष्ट किया गया है कि जो स्कूल अधिकृत नहीं होंगे उन पर मुकदमा चलेगा, जुर्माना लगेगा और उन्हें बंद कर दिया जायेगा|
अनाधिकृत स्कूल प्रबंधन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि अगर स्कूल नहीं रोका गया तो प्रतिदिन 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। जिन स्कूलों को शासन से आशय पत्र तो मिल गया है, लेकिन स्वीकृति पत्र नहीं है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा आयुक्त कृष्ण कुमार पाटिल ने निर्देश दिया है कि निजी प्रबंधन द्वारा संचालित और विभिन्न शिक्षा बोर्डों से संबद्ध सभी स्कूल अपने स्कूल के सामने मान्यता की विस्तृत जानकारी पोस्ट करें|अप्राधिकृत विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई करने में आनाकानी करने पर विस्तार अधिकारियों, निरीक्षकों, समूह शिक्षा अधिकारियों, शिक्षा अधिकारियों, उप शिक्षा निदेशक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
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