राज्य भर में औसत से कितनी अधिक बारिश हुई? सरकार की ओर से दी गई अहम जानकारी

चक्रवात बिपरजॉय के कारण इस साल राज्य में बारिश में देरी हुई है| जून का पूरा महीना सूखा बीतने के बाद जून के आखिरी सप्ताह में जोरदार बारिश हुई। इसके बाद से मुख्यमंत्री सचिवालय से जानकारी मिली है कि राज्य में कुल औसत की 104 फीसदी बारिश हो चुकी है|

राज्य भर में औसत से कितनी अधिक बारिश हुई? सरकार की ओर से दी गई अहम जानकारी

How much more rain than the average has been received across the state? Important information given by the government!

चक्रवात बिपरजॉय के कारण इस साल राज्य में बारिश में देरी हुई है| जून का पूरा महीना सूखा बीतने के बाद जून के आखिरी सप्ताह में जोरदार बारिश हुई। इसके बाद से मुख्यमंत्री सचिवालय से जानकारी मिली है कि राज्य में कुल औसत की 104 फीसदी बारिश हो चुकी है|

भारत में मॉनसून के दौरान लगातार चार साल सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है| भारत के कृषि परिदृश्य के लिए सामान्य बारिश महत्वपूर्ण है क्योंकि खेती वाले क्षेत्र का 52 फीसदी इसी पर निर्भर है| यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पेयजलआपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों में जल के भंडारण के लिए भी जरूरी है| देश के कुल खाद्य उत्पादन में वर्षा आधारित कृषि का हिस्सा लगभग 40 फीसदी है, जिससे यह भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है|
178 तालुकाओं में 100 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई, 130 तालुकाओं में 75 से 100 प्रतिशत और 58 तालुकाओं में 50 से 75 प्रतिशत वर्षा हुई। राज्य में 120 लाख 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में यानी औसत का 85 प्रतिशत क्षेत्र में बुआई हो चुकी है| यवतमाल, जलगांव, बीड, नांदेड़, बुलढाणा में अधिक बुआई हुई है और सांगली, ठाणे, पुणे, सोलापुर, गढ़चिरौली में कम बुआई हुई है|
सोयाबीन 111 प्रतिशत और कपास 96 प्रतिशत बोया गया है। कृषि विभाग ने राज्य कैबिनेट की बैठक में बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण बुआई बर्बाद होने या दोबारा बुआई का समय आने की स्थिति में महाबीज ने पूरी योजना बनाई है| अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की| प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इस बार किसानों की भागीदारी बढ़ी है। 120.68 लाख किसानों ने हिस्सा लिया है| पिछले साल खरीफ सीजन में 96.62 लाख किसानों ने हिस्सा लिया था|
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