कोलकाता में लियोनेल मेसी के GOAT इंडिया टूर 2025 के दौरान हुई भारी अव्यवस्था और तोड़फोड़ के मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है। राज्य की एक अदालत ने रविवार (14 दिसंबर) को इस आयोजन के प्रमोटर और मुख्य आयोजक शताद्रु दत्ता को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। यह कार्रवाई सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुए घटनाक्रम के एक दिन बाद की गई, जिसने बड़े पैमाने पर विरोध, राजनीतिक बयानबाज़ी और उच्चस्तरीय जांच को जन्म दिया है।
शताद्रु दत्ता को गिरफ्तारी के बाद बिधाननगर कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ले जाते समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और आयोजकों पर दर्शकों को गुमराह करने तथा धोखाधड़ी का आरोप लगाया। पुलिस ने दत्ता की गिरफ्तारी सार्वजनिक अव्यवस्था, भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक और सुरक्षा योजना की विफलता के आरोपों के तहत की है।
13 दिसंबर को आयोजित यह कार्यक्रम एक बड़े फुटबॉल उत्सव के रूप में प्रचारित किया गया था, लेकिन मेसी की बेहद संक्षिप्त और कड़े सुरक्षा घेरे में हुई मौजूदगी के बाद हालात बेकाबू हो गए। बड़ी संख्या में दर्शकदूर-दराज़ के राज्यों से आए थे और महंगे टिकट खरीदे थे, स्टार खिलाड़ी की झलक तक नहीं देख पाए।
निराशा और गुस्सा देखते ही देखते हिंसा में बदल गया। दर्शकों ने गैलरी में कुर्सियां, बैरिकेड और रेलिंग तोड़ दीं। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आयोजक को हिरासत में लिया।
घटना के अगले दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति ने सॉल्ट लेक स्टेडियम का निरीक्षण किया। समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आशीम कुमार रे कर रहे हैं, जबकि इसमें मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती भी शामिल हैं।
समिति ने स्टेडियम में मेसी के प्रवेश से लेकर उनके बाहर निकलने तक की पूरी गतिविधियों, सुरक्षा व्यवस्था, एक्सेस कॉरिडोर और आसपास की गैलरियों का बारीकी से जायज़ा लिया। कई ब्लॉकों में टूटी प्लास्टिक कुर्सियां, मुड़े हुए बैरिकेड, फटे बैनर, बिखरे जूते और क्षतिग्रस्त फाइबरग्लास सीटें देखी गईं। जांच के लिए सफाई और मरम्मत कार्य अस्थायी रूप से रोक दिए गए। पूरे निरीक्षण की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के बाद मेसी और फुटबॉल प्रशंसकों से माफी मांगते हुए जिम्मेदारी तय करने और भविष्य में ऐसे आयोजनों में चूक न हो, इसके लिए समिति गठित करने की घोषणा की थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जांच में टिकटिंग, प्रवेश प्रबंधन, सुरक्षा बलों की तैनाती और आयोजकों व प्रशासन के बीच समन्वय की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस बीच अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने भी गंभीर चिंता जताई है। लगभग 50,000 दर्शकों की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में टिकट की कीमतें 4,000 से 12,000 रुपये के बीच थीं, जबकि ब्लैक मार्केट में इनके 20,000 रुपये तक पहुंचने की रिपोर्टें सामने आई हैं। स्टेडियम में वीवीआईपी, राजनेताओं और सुरक्षाकर्मियों की घेराबंदी के बीच मेसी के चारों ओर भीड़ जमा होने से आम दर्शकों में असंतोष और गहराया।
जांच समिति के आने वाले दिनों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने की संभावना है, जबकि पुलिस हिरासत के दौरान आयोजक से आयोजन की योजना, अनुमति प्रक्रिया और संचालन से जुड़े फैसलों पर गहन पूछताछ की जाएगी।
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