म्यूकरमाइकोसिस का होगा मुफ्त इलाज, जानें क्या है सरकार का प्लान 

म्यूकरमाइकोसिस का होगा मुफ्त इलाज, जानें क्या है सरकार का प्लान 

मुंबई। म्यूकर माइकोसिस बीमारी के इलाज में लगने वाले भारी भरकम खर्च से लोगों को बचाने के लिए इसके उपचार के खर्च को महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत समावेश किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि म्यूकर माइकोसिस बीमारी तेजी से बढ़ रही हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए बहुआयामी विशेषज्ञ मेडिकल सेवा की जरूरत महसूस की जा रही है। बीमारी के इलाज का खर्च सामान्य मरीजों पर अधिक न पड़े। इसलिए म्यूकर माइकोसिस के उपचार के खर्च को जन आरोग्य योजना के तहत शामिल किया गया है। यह योजना 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी। भविष्य में सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के बाद योजना की अवधि को बढ़ाने के बारे में विचार किया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को शासनादेश भी जारी किया गया है।

 
 
मेडिकल पैकेज उपलब्ध
स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बताया कि म्यूकर माइकोसिस बीमारी  के इलाज के लिए महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत व प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना के तहत 11 सर्जिकल पैकेज व 8 मेडिकल पैकेज उपलब्ध कराए गए हैं।

इस बीमारी से पहले किसी व्यक्ति व उसके परिवार पर इस योजना के तहत उपलब्ध बीमा राशि में से कुछ राशि खर्च की जा सकती है। यदि म्यूकर माइकोसिस बीमारी का खर्च फुले जन आरोग्य योजना व प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निर्धारित बीमा संरक्षण की रकम से अधिक होता है तो अतिरिक्त खर्च को राज्य स्वास्थ्य गारंटी सोसायटी के माध्यम से भरा जाएगा।

दवाएं महंगी 
उन्होंने स्पष्ट किया कि म्यूकर माइकोसिस बीमारी के इलाज के लिए लगने वाली दवाए मरीजों को मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि म्यूकर माइकोसिस बीमारी दवाएं काफी महंगी होने के चलते पात्र लाभार्थियों को सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत व सरकार से जुड़े अस्पतालों के माध्यम से मुफ्त प्रदान की जाएगी। जिला शल्यचिकित्सक के माध्यम से सारे काम किए जाएगे।
म्यूकर माइकोसिस बीमारी के इलाज व दवा से जुडी सारी जवाबदारी संबंधित जिला शल्यचिकित्सक की होगी। सरकार से जुड़े अस्पतालों के खर्च की प्रतिपूर्ति करने से पहले राज्य स्वास्थ्य गारंटी सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि इससे अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।
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