केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, विधायक नितेश राणे को कोर्ट से मिली राहत

राज्य सरकार ने राजनीतिक द्वेषवश दर्ज की है एफआईआर

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, विधायक नितेश राणे को कोर्ट से मिली राहत

दिंडोसी की अदालत ने दिशा सालियान मामले में केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे को शुक्रवार को गिरफ्तारी से 10 मार्च तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे पर दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियान के बारे में मानहानिकारक और भ्रामक बयान देने का आरोप है। समझा जा रहा है कि राजनीतिक द्वेशवश राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

मामले में गिरफ्तारी की आशंका से राणे पिता-पुत्र ने अपने वकील सतीश मानेशिंदे के माध्यम से  मलाड में दिंडोशी सत्र अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की। मामला सुनवाई के लिए आने पर विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत ने पुलिस को सुनवाई की अगली तारीख तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का  निर्देश दिया। इसके बाद मामले की सुनवाई 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-41ए के तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता तथा उनके बेटे के खिलाफ नोटिस जारी किया और उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने को कहा है। प्राथमिकी के अनुसार, केन्द्रीय मंत्री ने 19 फरवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में सालियान की मौत के सिलसिले में कुछ दावे किए थे। इस दौरान उनके बेटे नितेश राणे भी वहां मौजूद थे। दिशा की मां वसंती सालियान की शिकायत पर पिता-पुत्र के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इससे पहले वसंती सालियान ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (एमएसडब्ल्यूसी) से सम्पर्क किया था और सालियान परिवार को विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर बदनाम करने के लिए नारायण राणे, नितेश राणे और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। गौरतलब है कि दिशा सालियन ने आठ जून, 2020 को उपनगरीय मलाड स्थित एक बहुमंजिला इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके छह दिन बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (34) उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत मिले थे।
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