वहीं, दूसरी ओर, समीर वानखड़े ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जॉब पाने के आरोप पर अपनी सफाई देते उन्होंने भी अपना जन्म प्रमाण पत्र पेश किया। समीर वानखेड़े द्वारा जारी किये गए प्रमाण पत्र में उनका नाम समीर ज्ञानदेव वानखेड़े लिखा हुआ है। इस दौरान, समीर वानखेड़े ने बताया कि, उनकी मां मुस्लिम थीं, इसलिए उन्होंने स्कूल में धर्म मुस्लिम लिखवा दिया। समीर ने आगे जोड़ा कि, इसके बाद उनके पिता ने तालुका से लेकर बीएमसी तक उनके जन्म प्रमाण पत्र में सुधार कराया। जिसे उन्होंने कोर्ट के समक्ष रखा भी है।
मै नाबालिग था
समीर के मुताबिक, समीर वानखेड़े ने जन्म प्रमाण पत्र में कोई भूमिका से साफ इंकार करते हए बताया कि जब ये दस्तावेज बनवाये गए तो वे नाबालिग थे और उन्हें इस संबंध कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने वडाला स्कूल का लिविंग प्रमाण पत्र भी दिखाया जिसमें उनकी जाति मल्हार लिखी हुई है और उनके पिता का नाम ज्ञानदेव वानखेड़े है।
इधर, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के दोनों जन्म प्रमाण पत्रों को बॉम्बे हाई कोर्ट में जमा किया है। उन्होंने दवा किया कि समीर वानखेड़े के पिता मुस्लिम धर्म अपना लिया था और उनके बच्चों का लालन-पालन इस्लामिक रीति रिवाज से हुआ है।
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