नितेश राणे को नहीं मिली अग्रिम जमानत, हाईकोर्ट जाने का विकल्प

राजनीतिक द्वेषवश पुलिस करना चाहती है गिरफ्तारी 

नितेश राणे को नहीं मिली अग्रिम जमानत, हाईकोर्ट जाने का विकल्प

भाजपा विधायक नितेश राणे के सिंधुदुर्ग की स्थानिय अदालत से अग्रिम जमानत नहीं मिल सकी। तीन दिनों की सुनवाई के बाद अदालत ने गुरुवार को उनका आवेदन खारिज कर दिया। शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब से मारपीट प्रकरण में उनकी गिरफ्तारी की आशंका है। अब नितेश राणे के वकील शुक्रवार को उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।  शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब के साथ कुछ दिन पहले मारपीट की घटना हुई थी।

इस प्रकरण में उन्होंने नितेश राणे के खिलाफ शिकायत की थी। 18 दिसंबर को हुई इस घटना के बाद पुलिस ने अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि भाजपा विधायक नितेश राणे इस मामले के सामने आने के बाद से ही नॉट रिचेबल हैं। इसके बाद नितेश राणे की तलाश में जुटी पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को भी नोटिस भेजकर उन्हें कणकवली पुलिस स्टेशन में बुलाया था। हालांकि राणे पुलिस स्टेशन में हाजिर नहीं हुए।

पुलिस अधिकारियों पर दर्ज हो एफआईआर: फड़नवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि यह दिखाई दे रहा है कि सिंधुदुर्ग पुलिस ने कानून का पालन नहीं किया।  सीआरपीसी के मुताबिक, 160 का नोटिस जारी करने वाली पुलिस जानबूझकर भूल गई कि 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को गवाह के तौर पर थाने में नहीं बुलाया जा सकता। उनकी गवाही के लिए घर जाना पड़ता है। ऐसे में उन पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। फड़नवीस ने ट्वीट में कहा कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर भाजपा सीआरपीसी 156 (3) के तहत मामला दर्ज करेगी। साथ ही जिस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ये आदेश दिया उस पर भी आईपीसी 34 के तहत सह आरोपी बनाने की मांग करेगी।

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