देवेंद्र फडणवीस ने भी की पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की मांग

इससे पहले कई मंत्रियों की यह मांग अनसुनी कर चुके हैं सीएम उद्धव ठाकरे  देश के लगभग 12 राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित किये जा चुके हैं पत्रकार इस मामले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा निर्णय नहीं लेने पर उठ रहे हैं सवाल   

देवेंद्र फडणवीस ने भी की पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की मांग

मुंबई। पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की मांग को लेकर अपने मंत्रियों की बात को अनसुनी करने वाले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अब विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी पत्र लिखा है।पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र भेजकर पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में मान्यता देने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में फडणवीस ने कहा है कि प्रिंट मीडिया और ऑडियो-विजुअल मीडिया के पत्रकारों को अब तक देश के लगभग 12 राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित किया गया है। दुर्भाग्य से,यह निर्णय अभी भी महाराष्ट्र में लंबित है।
राज्य के कई वरिष्ठ पत्रकार व विभिन्न पत्रकार संगठन इस संबंध में लगातार मांग कर रहे हैं। राज्य के पत्रकार इसको लेकर ऑनलाइन आंदोलन भी कर चुके हैं। संगठन का कहना है कि  कोरोना के प्रकोप की पहली लहर में, हमने कई पत्रकारों को खो दिया। दूसरी लहर में भी कई पत्रकार कोरोना के शिकार हुए हैं। इसलिए उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित कर टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए।

फडणवीस ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पत्रकार अस्पतालों, कब्रिस्तानों में जाकर काम कर रहे हैं और जनता के साथ सीधे बातचीत कर लोगों की समस्याओं को सामने ला रहे हैं। कोरोना निवारक उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में पत्रकारों और मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कोरोना से संक्रमित पत्रकारों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसके बावजूद इसको लेकर सरकार चुप क्यों है? यह बात समझ से परे है। इसके पहले बालासाहेब थोरात और छगन भुजबल जैसे वरिष्ठ मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की मांग कर चुके हैं। कई मंत्रियों का कहना कि मुख्यमंत्री हमारी बातें नहीं सुनते। वे वही करते हैं जो अधिकारी उन्हें सलाह देते हैं।

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