राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया है कि दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों के नाम मराठी में लिखे होने चाहिए। इसके लिए महाराष्ट्र दुकान स्थापना अधिनियम 2017 में संशोधन किया जाएगा। वहीं ,सरकार के इस निर्णय पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया ने कहा है कि इसका श्रेय मनसे कार्यकर्ताओं को जाता है। उन्होंने इसके लिए सरकार का धन्यवाद किया है।
खबरों गया है कि देखा जाता है कि दुकानों के संकेतों पर अंग्रेजी में नाम बड़े अक्षरों में लिखा जा जाता है। लेकिन अब से यह निर्णय लिया गया है कि इन नामो को मराठी में उतना ही बड़े अक्षर में लिखा जाना अनिवार्य है। जितना अंग्रेजी या अन्य भाषा में लिखा जाएगा।
मंत्रिमंडल के इस निर्णय पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा है कि दुकानों पर मराठी चिन्हों का श्रेय सिर्फ मनसे को है। इस संबंध में उन्होंने पत्र भी लिखा है। साथ ही राज ठाकरे ने इस फैसले के लिए राज्य सरकार को बधाई दी है, लेकिन साथ ही कहा है कि इसका श्रेय किसी और को नहीं लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके मनसे कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया। उन पर सैकड़ों मामले दर्ज किये गए। अब जब सरकार ने दुकानों पर लगे नेमप्लेट मराठी में लिखे जाने का निर्णय लिया है तो इसका श्रेय सिर्फ मेरे मनसे सैनिकों को है। उन सभी को बधाई। इस श्रेय से किसी और को मूर्ख नहीं बनाया जाना चाहिए। और महाराष्ट्र सरकार को बधाई। मैं सरकार से बस इतना ही कह सकता हूं कि इसे ठीक से लागू करो।
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