फिर पाकिस्तान की वैश्विक बेइज्जती, “ऑपरेशन बुनियान” की जगह चीनी ड्रिल की तस्वीर

शाहबाज शरीफ के तोहफ़े का उड़ रहा मजाक

फिर पाकिस्तान की वैश्विक बेइज्जती, “ऑपरेशन बुनियान” की जगह चीनी ड्रिल की तस्वीर

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ एक बार फिर सोशल मीडिया पर मज़ाक का पात्र बन गए हैं। इस बार वजह है एक ‘जाली युद्ध चित्र’, जिसे उन्होंने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को “ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूस” की याद में तोहफ़े के तौर पर भेंट किया — पर हकीकत में यह तस्वीर 2019 में चीन द्वारा किए गए सैन्य अभ्यास की निकली।

यह तस्वीर उस समय भेंट की गई जब जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में भारत के खिलाफ चार दिवसीय कथित सैन्य अभियान “ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूस” के उपलक्ष्य में पाकिस्तानी राजनीतिक नेतृत्व के लिए एक हाई-प्रोफाइल डिनर का आयोजन किया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री शरीफ ने यह एडिटेड तस्वीर उन्हें स्मृति चिन्ह के रूप में दी।

हालांकि इंटरनेट यूज़र्स की पैनी निगाहों ने तुरंत इस धोखे की पोल खोल दी। भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस तस्वीर की तुलना 2019 की चीनी मिलिट्री ड्रिल की असली फोटो से की और इसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए पाकिस्तान का मज़ाक उड़ाया।

एक यूज़र ने लिखा, “पाकिस्तान का नया कारनामा: शहबाज़ शरीफ ने एक 2019 चीनी ड्रिल की फोटो को फोटोशॉप करके ‘फेल्ड मार्शल’ असीम मुनीर को ऑपरेशन बुनियान के तौर पर भेंट कर दिया। जब जंग के मैदान में नहीं जीत सकते, तो ‘कैनवा’ में जीतते हैं।”

एक अन्य ने तंज़ कसा,”क्या इसे देश कहा जा सकता है?”

एक अन्य टिप्पणी थी, “पाकिस्तान अब चीनी मिलिट्री ड्रिल की फोटो को अपनी ऑपरेशन की जीत बताकर पूरे देश को बेवकूफ़ बना रहा है। अपने असली सैन्य ऑपरेशन की एक भी तस्वीर नहीं है इनके पास।” 10 से 14 मई के बीच भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। यह कार्रवाई पहलगाम के आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।

भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने “ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूस” के जरिए भारत के खिलाफ जवाबी हमला किया — पर अब सामने आया है कि उसके इस कथित ऑपरेशन की स्मृति में दी गई तस्वीर न तो वास्तविक है, न ही पाकिस्तानी सेना की है, बल्कि चीनी सेना के अभ्यास की एक फोटोशॉप की गई प्रति है।

जहां भारत आतंकवाद और सैन्य हमलों के खिलाफ स्पष्ट, तथ्यात्मक और प्रभावी नीति के तहत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहा है, वहीं पाकिस्तान अपने ही नागरिकों और सेना को फर्जी विजुअल्स और भ्रामक प्रचार से संतुष्ट करने की कोशिश करता नज़र आ रहा है। इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

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