त्वरित डिलीवरी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी Zepto के सीईओ और सह-संस्थापक आदित पालीचा ने एक बड़ी चिंता जाहिर करते हुए दावा किया है कि एक प्रतिद्वंद्वी कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) उनके और उनकी कंपनी के खिलाफ संगठित बदनामी अभियान चला रहे हैं। यह आरोप उन्होंने LinkedIn पर एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से सार्वजनिक रूप से लगाया है।
पालीचा ने लिखा कि पिछले कुछ दिनों में यह सीएफओ जानबूझकर Zepto की साख को नुकसान पहुंचाने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया, “स्पैम अभियान में हमारे निवेशकों को बेबुनियाद आरोपों के साथ कॉल करना, पत्रकारों को नकली आंकड़े भेजना और सोशल मीडिया पर बॉट्स के ज़रिए नकारात्मक नैरेटिव फैलाना शामिल है।”
हालांकि पालीचा ने उस प्रतिद्वंद्वी कंपनी का नाम उजागर नहीं किया, मगर Zepto के प्रतिस्पर्धियों में Blinkit (Zomato के स्वामित्व वाली कंपनी), Swiggy Instamart, Flipkart Minutes और Tata BigBasket शामिल हैं।
पालीचा ने इस पूरे विवाद को Zepto की तेजी से सुधरती आर्थिक स्थिति से जोड़ते हुए कहा कि शायद यही असुरक्षा की वजह बन रही है। “Zepto का EBITDA (कमाई से पहले का लाभ) तेजी से सुधर रहा है, और यही डर उनकी इस हरकत का कारण है।”
उन्होंने बताया कि, Zepto का सकल ऑर्डर मूल्य (GOV) मई 2024 में ₹750 करोड़ प्रतिमाह था, जो मई 2025 तक ₹2,400 करोड़ प्रतिमाह तक पहुंच जाएगा। जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच EBITDA में 2,000 आधार अंकों का सुधार हुआ है। इसी अवधि में कैश बर्न (नकद खर्च) में 65% की गिरावट दर्ज की गई है। Dark Stores (स्थानीय गोदामों) के EBITDA भी जल्द ही पूरी तरह सकारात्मक होने की उम्मीद है।Zepto के पास बैंक में अभी लगभग ₹7,445 करोड़ की शुद्ध नकदी मौजूद है, जिससे कंपनी कई वर्षों तक बिना फंडिंग के भी काम कर सकती है।
पालीचा ने पोस्ट के अंत में प्रतिद्वंद्वी सीएफओ को संदेश देते हुए लिखा, “मैं स्वस्थ और आक्रामक प्रतिस्पर्धा का स्वागत करता हूं, लेकिन झूठ और अफवाहें स्वीकार्य नहीं हैं। सच कहूं तो, आप निवेशकों को यह संकेत दे रहे हैं कि Zepto एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बन चुका है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में वह और उनकी टीम केवल निष्पादन और परिणामों पर ध्यान देंगे, ताकि Zepto को भारतीय क्विक कॉमर्स सेक्टर में अग्रणी बनाया जा सके। पालीचा की यह पोस्ट अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है और स्टार्टअप व कॉर्पोरेट जगत में इस बयान को एक स्पष्ट लेकिन संयमित चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
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