मुंबई। दिल्ली के बाद अब महाराष्ट्र सरकार भी कोरोना संकट में अभिभावकों को राहत देगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमल करते हुए राज्य के निजी स्कूलों की फीस में 15 फीसदी की कटौती की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। फीस में कमी का आदेश इसी शैक्षणिक वर्ष से लागू होगा।
तो होगी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई: राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार यह फैसला लिया गया है। इसके लिए कानून में संशोधन करना होगा। राज्य सरकार फीस में कमी के लिए अध्यादेश लाएगी। उन्होंने बताया कि फीस में कटौती के फैसले को न मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान की तर्ज पर फीस में कटौती का फैसला लिया जाएगा। गायकवाड ने कहा कि जो लोग फीस जमा कर चुके हैं उसके बारे में अध्यादेश में स्थिति साफ की जाएगी। यह फैसला सभी बोर्ड के निजी स्कूलों पर लागू होगा।
कोरोना के चलते आर्थिक संकट: गौरतलब है कि इसके पहले बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि कोरोना संकट के चलते स्कूल बंद हैं और अभिभावकों के सामने भी आर्थिक संकट है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि स्कूल शैक्षणिक सत्र 2020-21 की वार्षिक फीस में 15 प्रतिशत की कटौती करें, क्योंकि बच्चों को इस वर्ष में वह सुविधाएं नहीं मिली जो स्कूल जाने पर मिलती है। यदि कोई अभिभावक फीस नहीं चुका पाते हैं तो उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस से वंचित नहीं रखा जा सकता है।
स्कूलों को ऐसे बच्चों की परीक्षा लेना होगी और परिणाम भी जारी करना होगा। सर्वोच्च अदालत ने राजस्थान सरकार के स्कूल फीस में 30 फीसदी की कटौती के आदेश के खिलाफ वहां के निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था।
स्कूलों को ऐसे बच्चों की परीक्षा लेना होगी और परिणाम भी जारी करना होगा। सर्वोच्च अदालत ने राजस्थान सरकार के स्कूल फीस में 30 फीसदी की कटौती के आदेश के खिलाफ वहां के निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था।