शहबाज़ शरीफ़ की ‘चमचागीरी’ पर मेलोनी का हैरान कर देने वाला रिएक्शन

ट्रंप को बताया ‘मैन ऑफ पीस’

शहबाज़ शरीफ़ की ‘चमचागीरी’ पर मेलोनी का हैरान कर देने वाला रिएक्शन

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गाज़ा संकट पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सोमवार (13 अक्तूबर)को ऐसा बयान दे दिया जिसने वैश्विक मंच पर उनकी खूब खिल्ली उड़ाई जा रही है। शरीफ़ ने अमेरिका के  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को “मैन ऑफ पीस” बताते हुए उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही है।

मिस्र के शर्म अल-शेख़ में आयोजित ‘गाज़ा के भविष्य’ पर ग्लोबल समिट के दौरान शरीफ अपनी बेबसी छुपाते हुए ट्रंप को भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु टकराव रोकने और गाज़ा में युद्धविराम लाने का श्रेय दे रहे थे।

शहबाज़ शरीफ़ के इस अप्रत्याशित बयान के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई। जैसे ही शरीफ़ ने ट्रंप को शांति का प्रतीक बताया, मेलोनी कैमरों में अपने मुंह पर हाथ रखते हुए हँसी रोकने की कोशिश करती नज़र आईं। उनका यह चेहरा स्पष्ट रूप से हैरानी और अविश्वास से भरा था। लाइव कैमरों में कैद यह पल सोशल मीडिया पर डिप्लोमैटिक ऑकवर्डनेस यानी कूटनीतिक असहजता का प्रतीक बन गया। कई यूज़र्स ने मज़ाक में लिखा कि मेलोनी की अभिव्यक्ति सब कुछ कह गई।

शरीफ़ के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की जमकर आलोचना हुई। कई यूज़र्स ने इसे “चमचागीरी” करार दिया और याद दिलाया कि यह पहली बार नहीं है जब किसी पाकिस्तानी नेता ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात की हो। 2019 में भी इसी तरह की टिप्पणी की गई थी।

कई विश्लेषकों का कहना है कि शरीफ़ की टिप्पणी गाज़ा संकट में शांति की पाकिस्तान की स्थिति को दर्शाने के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन मेलोनी की रिएक्शन और जनता के व्यंग्य ने उनके संदेश को पूरी तरह ढक दिया।

वीडियो क्लिप अब तक लाखों बार देखी जा चुकी है और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी वायरल हो चुकी है। एक ओर जहां शरीफ़ अपने बयान से राजनयिक सद्भावना दिखाना चाहते थे, वहीं दूसरी ओर मेलोनी की सहज लेकिन तीखी प्रतिक्रिया ने उस क्षण को वैश्विक हास्य का विषय बना दिया।

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