कोरोना संकट में परिवहन मंत्री अनिल परब ने कृषि जमीन पर बनाया करोड़ों का अवैध रिसॉर्ट: किरीट सोमैया

कोरोना संकट में परिवहन मंत्री अनिल परब ने कृषि जमीन पर बनाया करोड़ों का अवैध रिसॉर्ट: किरीट सोमैया
मुंबई। यह कहावत तो आप ने सुनी ही होगी, ‘बिल्ली के भाग्य से छींका गिरना।’ कुछ ऐसा ही हाल महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार का है। नैतिकता को ताक पर रखकर बनी इस सरकार के अनैतिक मंत्रियों के नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सबसे करीबी मंत्री अनिल परब पर एक और गंभीर आरोप लगे हैं। परिवहन मंत्री परब ने पर्यटन स्थल दापोली में कृषि जमीन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रिसॉर्ट बनाया है। मजे की बात यह कि यह निर्माण कार्य कोरोना संकट के दौरान ही किया गया है। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने रत्नागिरी के दापोली में गैर कानूनी तरीके से तीन मंजिला रिसॉर्ट के निर्माण के मामले में प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। सोमैया ने बुधवार को इससे जुड़े सबूत प्रेस कांफ्रेंस में पेश  किया।
उन्होंने कहा ”मै परब के खिलाफ फौजदारी का मामला दर्ज करने की मांग है और शुक्रवार को रत्नागिरी के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से मुलाकात करने जा रहा। इसके बाद मैं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार को मिलकर परब को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करूंगा। सोमैया ने कहा कि परब ने दोपाली के मुरुड में समुद्र किनारे सरकारी दस्तावेजों में जालसाजी करके खेती की जमीन पर 10 करोड़ की लागत से रिसॉर्ट बनाया गया है। सोमैया ने कहा कि परब ने रिसॉर्ट का निर्माण कार्य लॉकडाउन के दौरान मार्च 2020 से फरवरी 2021 के बीच करवाया है।
सोमैया ने कहा कि परब ने जून 2019 में मुरुड में जमीन को खरीदा था। इसके बाद परब ने मंत्री पद बचाने के लिए फरवरी 2021 में जमीन को बिजनेस सहयोगी व शिवसेना के नेता सदानंद कदम को बेच दिया है। सोमैया ने कहा कि भाजपा के पुणे के सांसद गिरीष बापट, उत्तर मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी और उत्तर पूर्व मुंबई के सांसद मनोज कोटक ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखित शिकायत की है। जावड़ेकर ने रिसॉर्ट के निर्माण कार्य में पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए केंद्रीय टीम को भेजने का आश्वासन दिया है।
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