महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित बेगमबाग इलाके में गुरुवार को उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) और पुलिस की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। शुरुआत में स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध जताया गया, लेकिन अधिकारियों द्वारा समझाइश देने के बाद अधिकांश लोग कार्रवाई के लिए तैयार हो गए और कुछ ने स्वयं ही अपने घर खाली कर दिए।
UDA के सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि बेगमबाग क्षेत्र की जमीन वर्ष 1998 में लीज पर दी गई थी, लेकिन लीज की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दी गईं और अधिकांश लोगों ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया। उन्होंने कहा, “हमने कई बार नोटिस भेजे, लेकिन इसका जवाब नहीं मिला। लीज की अवधि समाप्त होने के बाद जमीन पुनः प्राधिकरण की मानी जाती है और उस पर कोई भी गतिविधि अवैध है।”
UDA ने पहले चरण में 28 संपत्तियों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया है, लेकिन फिलहाल केवल 3 संपत्तियों पर कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि शेष संपत्तियों के मामले अदालत में लंबित हैं। सोनी ने कहा कि “फिलहाल व्यावसायिक गतिविधियों में लगे सामान को हटाया जा रहा है, इसके बाद विधिवत ढंग से ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”
एसीपी नितेश भार्गव ने बताया कि “कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 150 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। शुरू में विरोध हुआ था, लेकिन लोगों को समझाया गया और अब वे सहयोग कर रहे हैं। कुछ लोगों ने स्वयं ही घर खाली कर दिए हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि सुबह 5 बजे से प्राधिकरण और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद थी।
यह कार्रवाई उज्जैन प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी मुहिम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य धार्मिक स्थलों के आसपास की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना और शहरी योजनाओं के अनुरूप विकास सुनिश्चित करना है। इस पूरी प्रक्रिया में अधिकारियों ने संवाद और समन्वय की रणनीति अपनाई, जिससे टकराव की स्थिति नहीं बनी। दरम्यान प्रशासन की निगाहें अब शेष 25 संपत्तियों पर हैं, जिन पर अदालत का फैसला आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
