अजित पवार के करीबियों पर पड़े इनकम टैक्स छापे में मिली करोड़ों की बेहिसाबी प्रापर्टी

 4 करोड के गहने भी मिले

अजित पवार के करीबियों पर पड़े इनकम टैक्स छापे में मिली करोड़ों की बेहिसाबी प्रापर्टी

मुंबई। पिछले दिनों महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के करीबियों पर पड़े इनकम टैक्स के छापे में 184 करोड़ के बेहिसाबी संपत्ति की पता चला है। शुक्रवार को इकम टैक्स विभाग की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि छापे के दौरान 4 करोड 32 लाख के जेवरात बरामद किए। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एक रसूखदार परिवार के संरक्षण में चल रहे टैक्स चोरी के पैसों से मुंबई के अलावा दिल्ली व गोवा में प्रापर्टी खरीदी गई है।

आयकर विभाग ने दावा किया  है कि कुछ दिनों पहले मुंबई के दो बिल्डरों और निजी व्यक्तियों की संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान 184 करोड़ रुपए की बेहिसाबी संपत्ति का खुलासा हुआ है। शुक्रवार को जारी बयान में आयकर विभाग ने जानकारी दी है कि 7 अक्टूबर को मुंबई, पुणे, बारामती, गोवा और जयपुर में कुल 70 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। कार्रवाई के दौरान 1710 करोड़ रूपए की दूसरी संपत्तियों की जानकारी के साथ 2.13 करोड़ रुपए नकद और 4.32 करोड़ रुपए के गहने भी बरामद किए थे।

दो समूहों में कुल 184 करोड़ रुपए  की बेहिसाबी संपत्ति के बारे में खुलासा हुआ है। अपने बयान में आयकर विभाग ने जिन लोगों के ठिकानों पर कार्रवाई की उसका खुलासा नहीं किया लेकिन उसने दावा किया है कि राज्य में बड़ा राजनीतिक रसूख रखने वाले परिवार की मदद से कर चोरी का खेल चल रहा था। बता दें कि राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कुछ दिनों पहले खुद मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया था कि आयकर विभाग ने उनके बेटे के साथ उनकी तीन बहनों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उन्होंने अपनी बहनों पर कार्रवाई को लेकर दुख जताया था और उसे राजनीति से प्रेरित बताया था। वहीं आयकर विभाग ने दावा किया है कि छानबीन में बेहिसाबी और बेनामी लेनदेन का खुलासा हुआ है।

इसके अलावा जिन कारोबारी समूहों पर छापेमारी की गई थी उनकी जांच में पता चला कि उन्होंने पैसों के लेनदेन के लिए कंपनियों का जाल बिछा रखा था जो पहली नजर में संदिग्ध नजर आ रहीं हैं। इस समूहों तक फर्जी शेयर प्रीमियम, संदेहास्पद अनसिक्योर्ड लोन, कुछ सेवाओं के लिए अग्रिम भुगतान, बिना कोई विवाद सुलझाए दलाली देने जैसे तरीकों से पैसे पहुंचाए गए। ऐसा राज्य के रसूखदार परिवार की मिलीभगत के चलते हुआ।

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