महाराष्ट्र भूषण चयन समिति ने अप्पासाहेब धर्माधिकारी के नाम की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने आज इस सिफारिश पर मुहर लगा दी। धर्माधिकारी परिवार अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है। वे हमेशा धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को शिक्षित कर रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि यह अवॉर्ड इसी मकसद से दिया गया है|
ज्येष्ठ समाजसेवक आणि निरूपणकार #आप्पासाहेबधर्माधिकारी यांना वर्ष २०२२ चा महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देण्यात येणार असल्याचे मुख्यमंत्री @mieknathshinde यांनी जाहीर केले. महाराष्ट्र भूषण निवड समितीने केलेल्या शिफारशीवर मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis यांनी शिक्कामोर्तब केले pic.twitter.com/4CS0dXVBG4
— MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) February 8, 2023
पद्मश्री डॉ. दत्तात्रेय और अप्पासाहेब धर्माधिकारी का जन्म 14 मई 1946 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक माध्यमिक शिक्षा रायगढ़ जिले के रेवडंडा में की। बचपन से ही उन्हें कीर्तन, भजन, आध्यात्मिक पठन का शौक था। वह पिछले 30 सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बाल मन पर अंधविश्वास, संस्कार के लिए काम किया है। उन्होंने विशेष बाल देखभाल बैठकें भी शुरू की हैं। साथ ही वादियों और बस्तियों में भी आदिवासी नशामुक्ति का बड़ा काम करते हैं।
“पद्मश्री अप्पासाहेब धर्माधिकारी को वर्ष 2022 के लिए महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। मैं और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, संस्कृति विभाग के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और पुरस्कार समिति ने सर्वसम्मति से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अप्पासाहेब और हम को देने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है। वे पिछले कई वर्षों से लगातार नशामुक्ति, अंधविश्वास उन्मूलन, स्वच्छता, वृक्षारोपण जैसे कई सामाजिक कार्य कर रहे हैं| मैं उन्हें बधाई देता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं|”
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