मुंबई। शिवड़ी की बीडीडी चाल की सभी इमारतें जीर्ण-शीर्ण और बदहाल स्थिति में हैं, जबकि व्यक्तिगत बीडीडी भूखंडों का पुनर्विकास चल रहा है और वहां के निवासियों को राहत मिल रही है, इन हालात में शिवड़ी के बीडीडी चालवासियों का सीधा सवाल है कि शिवडी में बीडीडी भूखंडों का पुनर्विकास कब किया जाएगा ? इसके लिए यही बात आगे कर दी जाती रही है कि शिवड़ी में बीडीडी चाल की भूमि केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्रांतर्गत आती है, इसलिए जब तक यह जमीन म्हाडा को ट्रांसफर नहीं होती, पुनर्विकास होना संभव नहीं।
जारी है बीडीडी के 195 भवनों का पुनर्विकास: बीडीडी चालें मुंबई में 4 स्थानों पर हैं – वर्ली, एनएम जोशी मार्ग, नायगांव और शिवडी। इन चारों स्थानों पर कुल 207 भवन हैं, जो सभी पुराने हो चुके हैं और राज्य सरकार ने इनका पुनर्विकास करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के तहत म्हाडा के मुंबई डिवीजन के जरिए 195 भवनों का पुनर्विकास शुरू हो गया है। हालांकि शिवड़ी का पुनर्विकास ठप हो गया है।
केंद्र सरकार से अनुमति जरूरी: शिवडी बीडीडी चॉल की भूमि पांच एकड़ है और पर 12 भवन हैं यहां। चूंकि, यहां की जमीन का मालिकाना हक मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के पास है, इसलिए यहां काम करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। केंद्र द्वारा राज्य सरकार को जमीन सौंपने की पूरी उम्मीद है। राज्य सरकार ने इस बाबत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को भेजने के लिए समिति का गठन किया है।
एनओसी न मिलने से ठप होने का आरोप: शिवड़ी बीडीडी चॉल पुनर्विकास समिति के अविनाश भोंडवे ने कहा कि अब तक पोर्ट ट्रस्ट से एनओसी नहीं मिलने के कारण पुनर्विकास ठप पड़ा है. इसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और म्हाडा को लगातार फॉलोअप किया जा रहा है। केंद्र पर जल्द निर्णय नहीं होने के कारण काम और पुनर्विकास के ठप पड़े होने का आरोप लगाया जा रहा है।
बन रही है समान नीति: मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव जलोटा का कहना है कि शिवडी बीडीडी चालों पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, इसलिए इस संबंध में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। हालांकि मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की सारी जमीन के लिए समान नीति बनाई जा रही है। इस नीति को अंतिम रूप दिए जाने के बाद सभी पोर्ट ट्रस्ट भूमि पर निर्माण के लिए निर्णय लिया जाएगा।