GRP में क्यों पड़ रहा है मैनपॉवर कम, यह वजह आई सामने

GRP में क्यों पड़ रहा है मैनपॉवर कम, यह वजह आई सामने

file photo

मुंबई।  उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रेलवे पुलिस बल (GRP) को अपर्याप्त मैनपॉवर के कारण सेवा प्रदान करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

न्यूनतम 500 जवानों की कमी: यही समस्या रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की भी है। वजह इसकी यह है कि राज्य की ठाकरे सरकार ने पाबंदियों में ढील देते हुए वैक्सीन की दो खुराक लेने वालों को 15 अगस्त से लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति  के बाद यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है, जबकि यात्रियों की बढ़ती संख्या के मुकाबले  उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल के मैनपॉवर का अभाव है।  मध्य और पश्चिम रेलवे पर सुरक्षा बलों को 500 कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे में क्राइम पर काबू का दारोमदार: मध्य रेलवे का उपनगरीय रूट सीएसएमटी से खोपोली, कसारा, पनवेल, गोरेगांव और नेरल, बेलापुर से खारकोपर तक फैला हुआ है। पश्चिम रेलवे की सेवा चर्चगेट से डहाणू तक है। रेलवे के सीमा-क्षेत्र में होने वाले क्राइम पर काबू का जिम्मा रेलवे पुलिस का है। रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों को रेल ट्रैक पार करने से रोकने आदि कार्यों के लिए जिम्मेदार है।
शीघ्र भरेंगे रिक्तियां : मंडल सुरक्षा आयुक्त: रेलवे पुलिस में फिलहाल स्वीकृत 3,986 पदों में से असल में 3,218 कर्मी ड्यूटी पर हैं, जिनमें 157 अधिकारी और 3,061 जवान हैं। उन्हें कम मैनपावर होने के कारण होमगार्ड के साथ काम करना पड़ रहा है। लेकिन वेतन न मिलने के चलते होमगार्डों ने भी सेवा देना बंद कर दिया है। लिहाजा, रेलवे पुलिस को फिलहाल लगभग 2,000 होमगार्ड और सुरक्षा बल के जवानों की जरूरत है। इसी तरह आरपीएफ को भी मैनपॉवर की आवश्यकता है। मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त जीतेंद्र श्रीवास्तव ने जवानों की रिक्तियों को जल्द ही भरे जाने की बात कही है।

Exit mobile version