कर्नाटक में पिछले कुछ हफ्तों से जारी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच कांग्रेस के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का नया बयान राजनीतिक हलकों में सुर्खियां बटोर रहा है। शनिवार (6 दिसंबर)को दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की लगभग दो घंटे चली बैठक के अगले ही दिन डीके ने कहा कि आने वाले दिनों में नए रूप, नई शक्ति और बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए। इस बयान को राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
शनिवार को कर्नाटक मुद्दे पर सोनिया गांधी के आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। यह बैठक मौजूदा नेतृत्व पर पार्टी के भीतर चल रहे मतभेदों और अगले कदमों के आकलन के लिए महत्वपूर्ण मानी गई।
कर्नाटक में चर्चा है कि 2023 विधानसभा चुनाव के बाद सिद्धारमैया को ‘रोटेशनल सीएम फॉर्मूले’ के तहत ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया था, जिसके बाद डीके शिवकुमार को सत्ता की कमान मिलनी थी। अब जबकि ढाई साल का समय पूरा हो चुका है, डीके शिवकुमार खेमे के कई विधायक नेतृत्व परिवर्तन की खुलकर मांग कर रहे हैं।
सरकारी कार्यों और राज्य में सुधार के प्रयासों पर बोलते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “आइए हम सभी आने वाले दिनों में इस राज्य में एक नया रूप, नई शक्ति और एक नया बदलाव लाने के लिए तैयार हो जाएं। मानव जीवन स्थायी नहीं है। केवल हमारे द्वारा किया गया या छोड़ा गया कार्य ही स्थायी है।” डीके ने आगे कहा कि अवसर ही व्यक्ति की सफलता निर्धारित करते हैं। “ईश्वर न तो वरदान देता है और न ही श्राप। वह केवल अवसर देता है। हमारे लक्ष्य प्राप्त करना पूरी तरह हमारे हाथ में है।”
उनका यह बयान राजनीतिक विश्लेषकों को यह संकेत दे रहा है कि शायद वह आलाकमान की ओर से किसी निर्णय की प्रतीक्षा में हैं, और यह संदेश उनके समर्थकों तथा पार्टी कैडर दोनों को संबोधित है। हालाँकि डीके ने खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन की बात नहीं की, लेकिन उनके बयान के लहजे से यह साफ है कि राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव संभव है। सिद्धारमैया जहां यह कहते दिख रहे हैं कि निर्णय आलाकमान का है, वहीं डीके समर्थक लगातार सत्ता हस्तांतरण की मांग उठा रहे हैं।
कहा जा रहा है की, आने वाले दिनों में कांग्रेस का सुप्रीम गांधी परिवार का अंतिम निर्णय ही यह तय करेगा कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होगा या कांग्रेस मौजूदा व्यवस्था को ही जारी रखेगी। फिलहाल, डीके शिवकुमार के बदलाव वाले बयान ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है।
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