लोकसभा चुनाव के पहले चरण में गर्मी के कारण कम मतदान होने के कारण केंद्रीय चुनाव आयोग 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के लिए सावधानी बरत रहा है।आयोग ने एक विशेष कार्य समूह का गठन किया है और प्रत्येक चरण के मतदान से पहले पांच दिनों तक मौसम की स्थिति की समीक्षा करेगा। मार्च के दौरान दक्षिण और मध्य भारत में तापमान 34 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। हालांकि, अप्रैल में यह बढ़कर 34 से 40 डिग्री के बीच पहुंच जाएगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि अप्रैल में दो बार लू चल सकती है|
लोकसभा चुनाव के अगले छह चरणों में बढ़ते तापमान से मतदान पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका को ध्यान में रखते हुए आयोग ने सोमवार को मौसम विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की|मौसम विभाग लगातार केंद्रीय चुनाव आयोग के संपर्क में है और मौसमी पूर्वानुमान के साथ-साथ मासिक, साप्ताहिक और दैनिक तीन तरह के पूर्वानुमानों की जानकारी दी जा रही है| बैठक के बाद मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मतदान क्षेत्रों, लू और नमी के स्तर आदि के पूर्वानुमानों की भी विस्तृत जानकारी दी जा रही है|
आयोग ने राज्यों में सिस्टम को निर्देश जारी किए हैं और एहतियाती उपाय भी सुझाए गए हैं ताकि मतदाताओं को मतदान के दौरान गर्मी से परेशानी न हो| दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग होगी|
आयोग के निर्देश: एक्शन ग्रुप में चुनाव आयोग, मौसम विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं| कार्रवाई समूह प्रत्येक मतदान चरण से पांच दिन पहले संभावित गर्मी की लहरों और बढ़ते तापमान की समीक्षा करेगा। उसके बाद मतदाताओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी|
आयोग ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय को चुनाव आयोग की मदद करने और संभावित गर्मी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का भी निर्देश दिया है|मतदान केन्द्र पर शामियाना, पेयजल, पंखा एवं अन्य न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की अलग से समीक्षा बैठक करेगा|
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