मणिपुर में हुई हिंसा पर केंद्र सरकार ने संज्ञान हुए मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का फैसला लिया गया है। हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार (21 नवंबर) को अर्धसैनिक बलों की 20 और टुकड़ियां मणिपुर भेजीं है। इससे पहले 50 यूनिट मणिपूर जा चुकी है।
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया,“हमने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की और इस बैठक में सभी जिलों और इंफाल शहर की सुरक्षा की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे। हमारे सामने जो भी समस्याएँ आईं, हमने उनका समाधान किया।हमने सभी जिलों के डीसी और एसपी के साथ मुद्दों पर चर्चा की है।”
बता दें की, मणिपुर में हिंसक मुठभेड़ों की संख्या बढ़ने के साथ, पिछले 10 दिनों में राज्य में 90,000 अतिरिक्त अर्धसैनिक कर्मियों सहित कुल 90 कंपनियां तैनात की गई हैं।
मणिपुर के जिरीबाम जिले में अपहृत छह लोगों के शव मिलने के बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसा प्रभावित मणिपुर के इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा दिया गया और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। रविवार को मणिपुर में प्रदर्शन और हिंसा बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद जिरीबाम जिले में एक 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई। बढ़ते तनाव के बीच भीड़ ने इलाके में स्थानीय बीजेपी और कांग्रेस कार्यालयों में तोड़फोड़ की और कार्यालयों में आग लगा दी।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से संबंधित तीन मामलों की जांच शुरू कर दी है। पिछले साल 3 मई के बाद से, इम्फाल घाटी स्थित मेइटिस और पूर्वोत्तर राज्य में पड़ोसी पहाड़ी स्थित कुकी-ज़ो समूहों के बीच सांप्रदायिक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।