महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों को अपात्रता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है। शरद पवार ने अजित पवार सहित 9 विधायकों को अपात्र घोषित करने की मांग की थी। इस मामले का फैसला सुनाते हुए नार्वेकर ने माना है कि अजित पवार गुट को 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसी माह, केंद्रीय चुनाव आयोग ने भी अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना था।
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि पार्टी संविधान के अनुसार, एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है। जिसमें 16 स्थायी सदस्य हैं। मगर पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता है। उन्होंने आगे कहा कि, हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और विधायकी ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है। पार्टी संविधान में कहा गया है कि महत्वपूर्ण निर्णय अध्यक्ष ही ले सकता है, लेकिन मै यह तय नहीं कर सकता कि अध्यक्ष कौन है ? विधायकों की संख्या बल यह तय करने का अधिकार रखती है। 41 विधायक अजित पवार गुट के पक्ष में है इसलिए अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है।
नार्वेकर ने कहा कि विधायकों ने पार्टी के विरोध में कुछ भी नहीं किया है।शरद पवार के अनुसार नहीं चलना इसका यह मतलब नहीं है कि विधायकों ने पार्टी विरोधी कृत्य किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर नाराजगी को विधानमंडल की नाराजगी नहीं कही जा सकती है। नार्वेकर ने कहा की पार्टी में मतभेद होता है ,बावजूद इसके विधायकों ने पार्टी नहीं छोड़ी। पार्टी का मतभेद को कानूनी उललंघन नहीं हो सकता है।
स्पीकर ने कहा कि पिछले साल 30 जून से 2 जुलाई के बीच अजित पवार के गुट की हरकतें और बयान दल-बदल के नहीं बल्कि पार्टी के भीतर मतभेद थे। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, चुनाव आयोग ने अजीत पवार गुट को असली एनसीपी माना था और पार्टी को घड़ी चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।
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