अमित मालवीय ने लिखा कि बिहार में आयोजित कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक महागठबंधन के लिए कई संकेत लेकर आई है। उनके अनुसार इस बैठक में वही कांग्रेसी नेता मौजूद रहे जिन्होंने अतीत में बिहार और बिहारवासियों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। मालवीय ने तंज कसते हुए कहा कि यह बैठक तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।
भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि महागठबंधन के भीतर कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल इस बात पर सहमत हैं कि तेजस्वी यादव को कभी भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया जाएगा। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी का बार-बार बिहार आना और कांग्रेस की सक्रियता साफ़ दिखाती है कि पार्टी अब राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती। कांग्रेस बिहार में खुद को एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
मालवीय ने कांग्रेस की रणनीति की तुलना दिल्ली विधानसभा चुनाव से की, जहां उसने आम आदमी पार्टी से दूरी बना ली थी। उनके अनुसार, बिहार में भी कांग्रेस वही रास्ता अपना रही है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस और राजद चुनाव से पहले ही अलग-अलग दिशा में बढ़ सकते हैं, जबकि चुनाव के बाद उनके रास्ते पूरी तरह अलग हो जाएंगे।
कुल मिलाकर, कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक ने महागठबंधन के भीतर दरार की अटकलों को और गहरा कर दिया है, जिससे बिहार की सियासत में नए समीकरण बनने के संकेत मिलने लगे हैं।
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