अनिल देशमुख मेरे साथ सभी बैठकों में शामिल हुए, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बयान दिया था कि वह हमारे साथ नहीं आये क्योंकि उन्हें मंत्री पद नहीं मिला|इस पर पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने सफाई दी है| मुझे मंत्री पद की पेशकश की गई थी| देशमुख ने कहा, लेकिन, मैंने शरद पवार से कहा कि मैं नहीं जाऊंगा।
अजित पवार ने क्या कहा?: अनिल देशमुख मेरे साथ सभी बैठकों में शामिल हुए। देशमुख ने कहा था कि मुझे कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए| लेकिन, भाजपा ने कहा कि, ‘हमने सदन में देशमुख पर आरोप लगाया है|
अगर उन्हें तुरंत कैबिनेट में जगह दी गई तो हमारी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो जाएगा, इसलिए अनिल देशमुख को नहीं लिया जा सकता| फिर, देशमुख का नाम मंत्री पद की सूची से हटा दिया गया। देशमुख ने कहा, ‘अगर मेरे पास मंत्री पद नहीं है तो मैं आपके साथ नहीं आऊंगा।’ अजित पवार ने कहा, ‘यह काले पत्थर पर सफेद रेखा है।’
‘मुझे प्रफुल्ल पटेल का फोन आया’: इस पर अनिल देशमुख ने कहा, ‘मुझे प्रफुल्ल पटेल और अजीत पवार ने मंत्री पद की पेशकश की थी। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मैं पुणे में था|मुझे प्रफुल्ल पटेल का फोन आया. लेकिन, मैंने साफ कह दिया था कि मैं शरद पवार को नहीं छोड़ूंगा|
”83 साल के पिता को अकेला न छोड़ें”: मैंने, जयंत पाटिल और सुप्रिया सुले ने अजित पवार गुट से कहा था कि बैठकों में ऐसा फैसला न लें| मैं चार बार उनकी मीटिंग में गया|शरद पवार 83 साल के हैं|अनिल देशमुख ने कहा, ”83 वर्षीय पिता को अकेला न छोड़ें।
यह भी पढ़ें-