उन्होंने ने कहा आज हम भी देख रहे हैं। मनोहर जोशी और लीलाधर ढाका जैसे व्यक्तित्व आपके साथ नहीं बैठे हैं। यह समय के साथ बदलता है। नए लोगों का स्वागत करें, लेकिन अपने घर के लोगों को न भूलें। शिवसैनिकों को तुच्छ नहीं कहना चाहिए। हम इन बड़ों के साये में पले-बढ़े, ये नेता हर गांव में गए और शिवसेना को जड़ से उठाने का काम किया। उन्हें तुच्छ नहीं कहा जा सकता। कल अगर कोई आपको तुच्छ बुलाए तो क्या होगा? ऐसा ही गुस्सा भरा सवाल संजय शिरसत ने उठाया है|
इस इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे ने बीमार होने पर बगावत कर दी। इस पर संजय शिरसात ने कहा कि शिंदे साहब ने सत्ता में आने के लिए यह विद्रोह नहीं किया। उनका नगरीय विकास जैसा महत्वपूर्ण लेखा-जोखा था।
हमने उनके स्वास्थ्य के लिए अभिषेक किया। यह दो साल की प्रक्रिया है। हमने कहा कि हम एनसीपी और कांग्रेस को उसके ठीक होने के बाद भी नहीं चाहते हैं। लेकिन संजय शिरसात ने आलोचना की है कि आज भी इंटरव्यू में उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस को बड़ा बताया है|