संसद का शीतकालीन सत्र इन दिनों विपक्ष के हंगामे की भेट चढ़ता दिखाई दे रहा है| संसद सत्र के प्रारंभ से विपक्ष जिस तरह से गतिरोध करता दिखाई दे रहा है| इस बीच कोई भी ऐसा दिन नहीं होगा की सत्र पूरे दिन चल सके|घंटों चलने वाला सत्र अडानी, मणिपुर, संभल और किसान जैसे मुद्दों को लेकर स्थगित हो रहा है| इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव कहते हैं, ”जिस दिन से संसद सत्र शुरू हुआ है, समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना का मुद्दा उठाने की कोशिश की है| सदन नहीं चला, लेकिन हमारी मांग अब भी वही है| हम अपनी बात रखना चाहते हैं”|
हम संभल की घटना पर अपनी बात सदन में रखना चाहते हैं। वहां के अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं,संभल की घटना भाजपा की सोची-समझी रणनीति है, ताकि लोगों को दूसरे मुद्दों से भटकाया जा सके। उन्होंने कहा कि जो लोग हर जगह खुदाई करना चाहते हैं, एक दिन वे देश की सौहार्द्रता और भाईचारे को खो देंगे।
संभल में 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे को लेकर बड़ा बवाल हो गया।घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। विवाद के दौरान फायरिंग और पथराव की घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई। तकरीबन 20 लोग घायल हो गए, जिनमें से अधिकांश पुलिसकर्मी हैं।
बांग्लादेश मुद्दे पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि “भारत सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए, ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए, अगर वे हमारे संतों का सम्मान नहीं कर सकते तो वे एक मजबूत सरकार होने का दावा कैसे कर सकते हैं। वही दूसरी ओर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि इस तरह के सर्वेक्षणों के जरिए देशभर में अशांति पैदा करने की साजिश रची जा रही है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे आदेश देने वाले जजों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें-
Deepak Kesarkar: शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज!, भाजपा हमारी सबसे बड़ी पार्टी!