जलपाईगुड़ी के नागराकाटा में भाजपा के जनजातीय समाज से आने वाले सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी विधायक शंकर घोष पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। वीडियो में मुर्मू के चेहरे और नाक से खून बहता हुआ दिखाई दे रहा है। भाजपा ने स्पष्ट तौर पर कहा है की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े स्थानीय लोगों ने यह हमला किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को दबाने हेतु भाजपा की फोटो खिंचवाने की राजनीति का नतीजा कहा है। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के बीच तीखी राजनीतिक जंग छिड़ चुकी है।
TMC Party has turned peaceful West Bengal into a Jungle Raj State. The brutal attack on BJP MP Khagen Murmu, a respected tribal leader and two-time MP from North Malda is barbaric. He was on his way to Nagrakata for relief efforts after devastating rains, floods and landslides.… pic.twitter.com/5HHDlGmXjq
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 6, 2025
पीएम मोदी ने ट्रिणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति “बेहद दयनीय” है। उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा, “हमारे पार्टी साथियों, जिनमें एक सांसद और एक विधायक शामिल हैं, पर जिस तरह से हमला किया गया, वह बेहद शर्मनाक है। यह न सिर्फ़ TMC की असंवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि राज्य की बेहद खराब कानून व्यवस्था को भी उजागर करता है।” पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में जुटे रहना चाहिए, भले ही राजनीतिक हिंसा हो रही हो। उन्होंने लिखा“मैं हमारे कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे जनता के बीच रहकर राहत और बचाव कार्यों में मदद करते रहें।”
The manner in which our Party colleagues, including a sitting MP and MLA, were attacked in West Bengal for serving the people affected by floods and landslides is outright appalling. It highlights the insensitivity of the TMC as well as the absolutely pathetic law and order…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 6, 2025
दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने प्राकृतिक आपदा को राजनीतिक मुद्दा बनाया है। ममता ने लिखा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के प्रधानमंत्री ने उत्तर बंगाल की तबाही को राजनीतिक चश्मे से देखा और बिना किसी जांच या प्रमाण के राज्य सरकार को दोषी ठहरा दिया। यह न केवल संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन है बल्कि एक राजनीतिक निम्नता भी है।” उन्होंने आगे कहा,“प्रधानमंत्री द्वारा बिना किसी प्रशासनिक रिपोर्ट या कानूनी जांच के आरोप लगाना संविधान की भावना के खिलाफ है। किसी भी लोकतंत्र में दोष तय करने का अधिकार केवल प्रक्रिया और जांच का होता है न कि एक ट्वीट का।”
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कथित तृणमूल कार्यकर्ताओ के हमले के बाद सांसद खगेन मुर्मू को चेहरे और नाक से खून बहाते हुए देखा गया। इस बीच, राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने घटना पर “गंभीर चिंता” व्यक्त की है और राज्य प्रशासन से तत्काल कानून-व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए हैं।
दौरान लगातार बारिश से मिरिक, दार्जिलिंग और डुआर्स क्षेत्र में कई गांव बह गए हैं, सड़कें और पुल टूट चुके हैं, जबकि जलगांव और अलीपुरद्वार के चाय बागानों को भारी नुकसान हुआ है। अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई लापता हैं। ममता बनर्जी ने इस बाढ़ को “मानव-निर्मित” बताकर बचने में लगी है, जिसके लिए उन्होंने दमोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) पर “पानी छोड़ने में लापरवाही” का आरोप लगाया और केंद्र पर “जल प्रबंधन की विफलता” के आरोप लगा रही है। उन्होंने घोषणा की कि मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख मुआवजा दिया जाएगा और प्रत्येक पीड़ित परिवार से एक सदस्य को होम गार्ड की नौकरी दी जाएगी।
भाजपा सांसद, विधायक पर हमले के बाद एक ओर मोदी राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री ममता बॅनर्जी आपदा निवारण के बजाए राजनीति आरोप-प्रत्यारोप कर रहीं है।
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