संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं और सुरक्षा पर आयोजित बहस के दौरान भारत ने पाकिस्तान को उसके भ्रमित प्रलापों पर करारा जवाब दिया। पाकिस्तान जब जम्मू-कश्मीर के नाम पर झूठा प्रचार कर रहा था, तब भारत ने उसे 1971 के ऑपरेशन सर्चलाइट के दौरान पाकिस्तानी सेना ने 4 लाख महिलाओं के साथ किए सामूहिक बलात्कार की भयावह सच्चाई याद दिलाई।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवथनेनी हरीश ने अपने तीखे संबोधन में कहा, “हमारा ‘वूमेन, पीस एंड सिक्योरिटी’ एजेंडा पर अग्रणी रिकॉर्ड निष्कलंक है। जो देश अपने ही लोगों पर बम गिराता है और व्यवस्थित नरसंहार करता है, वही दुनिया को भ्रमित करने के लिए ऐसी अतिशयोक्ति का सहारा ले सकता है।” हरीश का “अपने ही लोगों पर बम गिराने” वाला देश बताते हुए, पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले महीने हुए हवाई हमले की ओर इशारा था, जिसमें 30 से अधिक लोगों, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, की मौत हो गई थी।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मंच पर पाकिस्तान की उसी ऐतिहासिक क्रूरता का हवाला दिया, जिसे दुनिया कभी नहीं भूल सकी — ऑपरेशन सर्चलाइट। मार्च 1971 में पाकिस्तानी सेना ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बंगालियों पर नरसंहार अभियान चलाया था। इस अभियान के दौरान हजारों महिलाओं को हिरासत में लेकर सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया।
यह अभियान पाकिस्तान के कुख्यात जनरल टिक्का खान की देखरेख में चलाया गया, जिसे बुचर ऑफ़ बंगाल के नाम से जाना जाता है। इस जघन्य अत्याचार ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को जन्म दिया, जो पाकिस्तान की पराजय और ढाका में उसकी बिना शर्त आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ।
हरीश ने अपने वक्तव्य में कहा, “ हर साल, दुर्भाग्यवश हमें अपने देश के खिलाफ पाकिस्तान की भ्रामक आलोचना सुनने को मिलती है, खासकर जम्मू-कश्मीर के मामले में, जिस भारतीय क्षेत्र पर वे लालच करते हैं… एक देश जो अपने ही लोगों पर बमबारी करता है, व्यवस्थित नरसंहार करता है, वह केवल गुमराह करने और अतिशयोक्ति से दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है। यह वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था और अपनी ही सेना द्वारा 400,000 महिला नागरिकों के नरसंहार और सामूहिक बलात्कार के एक व्यवस्थित अभियान को मंजूरी दी थी। दुनिया पाकिस्तान के दुष्प्रचार को समझती है।”
Watch | "Every year, we are unfortunately fated to listen to the delusional tirade of Pakistan against my country, especially on Jammu and Kashmir, the Indian territory they covet… A country that bombs its own people, conducts systematic genocide, can only attempt to distract… pic.twitter.com/M6R6q91t1F
— DeshGujarat (@DeshGujarat) October 7, 2025
पाकिस्तान की प्रतिनिधि साइमा सलीम ने अपने भाषण में दावा किया था की, “कश्मीर में महिलाएं दशकों से युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल की जा रही यौन हिंसा का सामना कर रही हैं।” लेकिन हमेशा की तरह, पाकिस्तान अपने इन दावों के समर्थन में कोई प्रमाण पेश न कर सका। भारत की यह प्रखर प्रतिक्रिया न केवल पाकिस्तान के झूठे मानवाधिकार अभियान की पोल खोलती है, बल्कि दुनिया को यह भी याद दिलाती है कि महिलाओं पर अत्याचार का सबसे वीभत्स इतिहास खुद पाकिस्तान के सैन्य शासन ने रचा था।
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