कर्नाटक में कांग्रेस को बड़ा झटका, विधान परिषद में मंदिर की आय पर बिल खारिज!

विधान परिषद में भाजपा और जेडीएस दोनों ने इस कानून के खिलाफ वोट किया है|इसलिए विधान परिषद में बहुमत न मिलने के कारण यह कानून खारिज हो गया|उपसभापति एम.के. प्रणेश की सहमति से यह कानून को विधान परिषद में पेश किया गया।

कर्नाटक में कांग्रेस को बड़ा झटका, विधान परिषद में मंदिर की आय पर बिल खारिज!

Big blow to Congress in Karnataka, bill on temple income rejected in Legislative Council!

नए कानून ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) अधिनियम 2024’ को लेकर कर्नाटक राज्य में काफी विवाद हो गया है। इस कानून का विपक्षी दल भाजपा द्वारा विरोध किया जा रहा है| विधान परिषद में भाजपा और जेडीएस दोनों ने इस कानून के खिलाफ वोट किया है|इसलिए विधान परिषद में बहुमत न मिलने के कारण यह कानून खारिज हो गया|उपसभापति एम.के. प्रणेश की सहमति से यह कानून को विधान परिषद में पेश किया गया।

“सरकार मंदिर की संपत्ति लूटना चाहती है”: अधिनियम कर्नाटक में विभिन्न धार्मिक कार्यों में मदद के लिए एक ‘कॉमन पूल फंड’ का प्रावधान करता है। हालांकि भाजपा ने इस कानून का विरोध किया है| भाजपा ने आलोचना की कि सरकार राज्य के लिए मंदिरों की संपत्ति लूटने की कोशिश कर रही है|

विधान परिषद में कांग्रेस की ताकत कम है|75 सदस्यीय सदन में भाजपा के 34 और जेडीएस के 8 विधायक हैं| इस सदन में कांग्रेस के 30 विधायक हैं|इससे पहले इस नए कानून को विधानसभा में बहुमत से मंजूरी मिल गई थी| विधानसभा में 224 में से कांग्रेस के पास 135 विधायक हैं|

भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना: भाजपा ने दावा किया है कि राज्य सरकार इस कानून के जरिए राज्य के मंदिरों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है|लोकसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर होने के कारण यह अधिनियम कर्नाटक में विवाद का कारण बन गया है।भाजपा ने इस मुद्दे को बहुत अच्छे से संभाला है|

क्या है एक्ट का प्रावधान?: एक्ट में 1 करोड़ से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों के लिए मंदिर की कुल आय का 10 प्रतिशत कॉमन पूल फंड में जमा करने का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि इस फंड का इस्तेमाल मंदिरों के रखरखाव के लिए किया जाएगा|

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