महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला,10 फीसदी मराठा आरक्षण बिल के मसौदे को मंजूरी!

पूर्व के मसौदे बिल में सरकार ने उन सभी गलतियों को दूर कर लिया गया है, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को सिरे से ख़ारिज कर दिया था|मराठा आरक्षण को प्रखरता से रखने व मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है| 

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला,10 फीसदी मराठा आरक्षण बिल के मसौदे को मंजूरी!

Big decision of Maharashtra government, draft of 10 percent Maratha reservation bill approved!

मराठा आरक्षण को लेकर लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन को हल करने और आरक्षण बिल को पास कराने में सरकार को महत्वपूर्ण सफलता मिली है|पूर्व के मसौदे बिल में सरकार ने उन सभी गलतियों को दूर कर लिया गया है, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को सिरे से ख़ारिज कर दिया था|मराठा आरक्षण को प्रखरता से रखने व मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है| 

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के सदस्यों को भी आरक्षण देने की अधिसूचना जारी कर दी है| राज्य सरकार ने इसे कानून में बदलने के लिए विशेष सत्र भी बुलाई गयी थी|महाराष्ट्र कैबिनेट ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दी। गत 40 वर्षों से चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन को खत्म करने के लिए शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।

बता दें कि महाराष्ट्र कैबिनेट के दौरान मराठा आरक्षण बिल मसौदे में सरकार ने उन कमियों को दूर कर लिया है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था। यह विधेयक तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है।

मराठा आरक्षण की मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल की मांग है कि सरकार मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी करे। असल में कुनबी जाति के लोगों को सरकारी नौकरियों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है। अगर मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण मिलता है तो समाज को स्वयं आरक्षण का फायदा मिलेगा।

यह भी पढ़ें-

प्रधानमंत्री का जम्मू दौरा: देश को समर्पित किये विकास परियोजनाओं का सौगात!

Exit mobile version