देवेन्द्र फडणवीस का बड़ा ​खुलासा​, ‘सुप्रिया​ से NCP और ​आदित्य से शिवसेना में फूट​!

फडणवीस यह भी कहा कि सबसे पहले अजित पवार को राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर आगे लाया गया और फिर वरिष्ठों को लगा कि पार्टी भतीजे की बजाय बेटी को मिलनी चाहिए​|​ ​उद्धव ठाकरे को लगा कि पार्टी या राजनीति में आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहिए​|

देवेन्द्र फडणवीस का बड़ा ​खुलासा​, ‘सुप्रिया​ से NCP और ​आदित्य से शिवसेना में फूट​!

Devendra Fadnavis' big revelation, 'Supriya's split in NCP and Aditya's split in Shiv Sena!

महाराष्ट्र की राजनीति उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान हड़कंप सा मच गया है उन्होंने अपने बयान में ​एनसीपी​-शिवसेना में ​असली​ फूट के कारणों का खुलासा ​किया है| यही​ नहीं फडणवीस यह भी कहा कि सबसे पहले अजित पवार को राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर आगे लाया गया और फिर वरिष्ठों को लगा कि पार्टी भतीजे की बजाय बेटी को मिलनी चाहिए​|​ ​उद्धव ठाकरे को लगा कि पार्टी या राजनीति में आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहिए​|

​देवेंद्र फडणवीस ने कहा: ​एनसीपी​ और शिवसेना अपनी मूल विचारधारा को त्याग कर दूसरी विचारधारा अपना ली। इससे उनकी पार्टी में विभाजन हो गया​|​ ‘कांग्रेस न होती तो क्या होती​’ पुस्तक का विमोचन आज फडणवीस ने किया। इस मौके पर दिए इंटरव्यू में उन्होंने वंशवाद की राजनीति पर टिप्पणी की​|​

​​देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, हमारे देश में कई राजनीतिक पार्टियां बनीं​|​ इन दलों ने राजनीति की कांग्रेस शैली को अपनाया। कांग्रेस ने परिवार और पैसे के बल पर राजनीति करने का कदम उठाया​, लेकिन​​ भाजपा​ ही एक ऐसी पार्टी थी, जिसने कांग्रेस की विचारधारा, उसकी राजनीति की शैली को खारिज कर एक स्वतंत्र शैली विकसित की​|​ आज अन्य राजनीतिक दल भी धीरे-धीरे अपने आप को बदल रहे हैं। ​भाजपा​ के नक्शेकदम पर चलते हुए अन्य राजनीतिक दल भी खुद को बदल रहे हैं​|

​​हालांकि ​भाजपा​ ने वंशवाद की राजनीति का विरोध किया है, लेकिन किसी को भी राजनीति में आने से नहीं रोका है​|​ यदि राजनीतिक नेताओं की अगली पीढ़ी राजनीति में आना चाहती है, तो उन्हें अवश्य आना चाहिए। लेकिन अपने बल पर आओ​|​राजनीति को अपना अधिकार नहीं समझना चाहिए​|​ जब ध्यान केवल अपने ही परिवार के लोगों पर होता है और जो सही हैं उन्हें छोड़ दिया जाता है, तो इसे भाई-भतीजावादी राजनीति कहा जाता है।

​​कांग्रेस में नेहरू के परिवार के व्यक्ति को नेता के तौर पर देखा जाता है​|​ आज मल्लिकार्जुन खड़गे भले ही कांग्रेस के अध्यक्ष हों लेकिन उनके पास निर्णय लेने की शक्ति नहीं है​|​ यह हर कोई जानता है​|​ उन्होंने कहा​ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंशवाद की राजनीति की कमर तोड़ने का काम शुरू किया| अब कोई भी व्यक्ति सिर्फ इसलिए राजनीति में नहीं आएगा क्योंकि वह नेता का बेटा या बेटी है। देवेन्द्र फडणवीस ने यह भी कहा कि जिसमें क्षमता होगी वह अपने साहस के दम पर आगे बढ़ेगा|

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