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Friday, September 20, 2024
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पूजा खेडकर मामले में बड़ा अपडेट, यूपीएससी पर ही लगा उल्टा आरोप!

पूजा खेडकर मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में ​आज​ फिर सुनवाई होगी​|​आज​ इस बात पर फैसला लिया जाएगा कि पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से पहले जमानत दी जाएगी या खारिज कर दी जाएगी।

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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने और बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है| पूजा खेडकर ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा क‍ि उनकी उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने की कोई भी पावर यूपीएससी के पास नहीं है|

यूपीएससी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपने जवाब दाख‍िल क‍िया| पूजा खेडकर ने कहा कि एक बार प्रोबेशनर के रूप में चयनित और नियुक्त होने के बाद यूपीएससी को उनकी उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं है| उन्होंने कहा कि यूपीएससी में अपने नाम में हेराफेरी नहीं की है या कोई गलत जानकारी नहीं दी है| हाईकोर्ट ने इस मामले में खेडकर के जवाब पर यूपीएससी और दिल्ली पुलिस भी अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है|

पूजा खेडकर मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी|आज इस बात पर फैसला लिया जाएगा कि पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से पहले जमानत दी जाएगी या खारिज कर दी जाएगी।

पूजा खेडकर की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं| यूपीएससी पहले ही उनकी उम्मीदवारी रद्द कर चुका है| इतना ही नहीं यूपीएससी ने यह भी कहा कि पूजा खेडकर दोबारा परीक्षा नहीं दे पाएंगी| पूजा खेडकर मामला देशभर में कई दिनों तक सुर्खियों में रहा था| पूजा खेडकर पर गलत जानकारी देकर परीक्षा पास करने का आरोप था| यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था|

पूजा खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले ही जमानत की अर्जी लगा दी थी| सरकारी वकील ने गिरफ्तारी से पहले जमानत दिए जाने का विरोध किया है| सरकारी वकील ने मांग की थी कि अगर पूजा खेडकर को जमानत मिल जाती है तो वह जांच में सहयोग करेंगी|

पूजा खेडकर पर यूपीएससी परीक्षा में अलग-अलग नामों से आवेदन दाखिल करने का आरोप है| सिस्टम को यह जानकारी नहीं मिल पाई कि वे कितनी बार परीक्षा में शामिल हुए क्योंकि उन्होंने अलग-अलग नामों से परीक्षा के लिए आवेदन किया था। लेकिन मामला सामने आने के बाद यूपीएससी ने 2009 से 2023 तक 15 वर्षों के लिए यूपीएससी के 15,000 से अधिक अनुशंसित उम्मीदवारों के उपलब्ध डेटा की जांच की थी| पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर, किसी अन्य उम्मीदवार को नियमों द्वारा अनुमत प्रयासों की संख्या से अधिक प्रयास करते हुए नहीं पाया गया।

अकेले पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले में, नाम और माता-पिता का नाम बदलने के कारण यूपीएससी की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पता नहीं लगाया जा सका। पूजा खेडकर ने जानबूझकर गलत जानकारी के आधार पर आवेदन दाखिल किया है. सरकारी वकील ने कोर्ट में आरोप लगाया था कि इसकी वजह से ईमानदार उम्मीदवारों का मौका खत्म हो गया. पूजा खेडकर के मामले में अब जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी| हालांकि, अगर अदालत जमानत खारिज कर देती है, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

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