बिहार में मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। बुधवार को वीआईपी के मुखिया साहनी उस समय बड़ा झटका लगा जब उनके तीन विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ले ली। इस तरह बीजेपी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। जबकि, राजद दूसरे नंबर पर पहुंच गई।
मालूम हो कि वीआईपी सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पार्टी है, जिसमें भाजपा, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (एचएएम) भी शामिल हैं। वीआईपी छोड़ने वालों में राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और स्वर्ण सिंह हैं। तीनों विधायक हैं। वीआईपी विधायकों के साथ भाजपा अब विधानसभा में 77 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। जबकि राजद 75 विधायकों के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गई। जद (यू) के पास 45 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 19 और वाम दलों के पास 15 विधायक हैं।
बता दें कि मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ 57 उम्मीदवार खड़े किए थे। उन्होंने 12 अप्रैल को होने वाले बोचाहा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की बेबी कुमारी के खिलाफ उम्मीदवार गीता देवी को भी उतारा है। साहनी एमएलसी हैं जिनका कार्यकाल जुलाई में समाप्त होगा।
वह बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री हैं। बता दें कि 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वीआईपी से तीनों उम्मीदवार जीत दर्ज किये थे। हालांकि, चुनाव से पहले तीनों नेता बीजेपी में थे, लेकिन चुनाव के दौरान उन्होंने पाला बदलकर वीआईपी में शामिल हो गए थे और चुनाव लड़ा था। जहां जीत दर्ज की एक बार फिर ये नेता बीजेपी में शामिल हो गए।
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