बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हैं और मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव संविधान के अनुसार होंगे और पूरी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले पूरी हो जाएगी।
सीईसी ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 2 एसटी और 38 एससी सीटें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया 24 जून 2025 को शुरू हुई थी और समय सीमा के भीतर पूरी हो गई। मतदान केंद्रों पर लाइनें कम करने के लिए अब किसी भी पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, और यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की जाएगी।
चुनाव में कई तकनीकी और डिजिटल पहलें लागू की जा रही हैं। बिहार चुनाव से ही EVM पर उम्मीदवारों की फोटो रंगीन होगी और सीरियल नंबर का फ़ॉन्ट स्पष्ट किया जाएगा, ताकि पहचान में आसानी हो। हर पोलिंग स्टेशन पर 100% वेबकास्टिंग की जाएगी, जिससे मतदान की हर गतिविधि पर रियल-टाइम निगरानी रखी जा सकेगी। पोस्टल बैलेट की गिनती अब EVM के दो राउंड शुरू होने से पहले की जाएगी, जिससे परिणाम प्रक्रिया और पारदर्शी बनेगी।
सीईसी ने यह भी बताया कि डिजिटल इंडेक्स कार्ड चुनाव खत्म होने के कुछ ही दिनों में सभी मतदाताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे। इस बार 17 नई पहलों को लागू किया गया है, जिनमें बूथ लेवल अधिकारियों और एजेंट्स की प्रशिक्षण प्रणाली भी शामिल है। पहली बार सभी बूथ लेवल एजेंटों की प्रशिक्षण दिल्ली में कराई गई और देशभर के लगभग 700 अधिकारियों की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है।
मतदाता सुविधा बढ़ाने के लिए वोटर स्लिप में सभी आवश्यक जानकारी, जैसे बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में, दी जाएगी। इसके अलावा, मतदाता पहचान पत्र 15 दिन के अंदर उपलब्ध कराया जाएगा और बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड भी जारी किया जाएगा, ताकि वे मतदाताओं द्वारा आसानी से पहचाने जा सकें।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव से शुरू हुई ये पहलें पूरे देश के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनेंगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और तकनीकी रूप से सशक्त बनाएंगी।
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