भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि संवैधानिक पदों का अपमान करना और समुदायों का अनादर करना कांग्रेस पार्टी की पहचान बन गई है। चाहे राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहना हो, उन्हें ‘दुष्ट मानसिकता’ वाला कहना हो, उन्हें ‘बोरिंग’ कहना हो या अब उनका नाम ‘मुर्मू’ से बिगाड़ कर ‘मुर्मा’ करना हो।
पूनावाला ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को ‘कोविड’ कहना और उनकी तुलना भू-माफिया से करना हो, यह कांग्रेस पार्टी की सामंती, अंबेडकर विरोधी और एससी-एसटी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। कर्नाटक में कांग्रेस ने अपनी इसी मानसिकता को उजागर किया। एससी-एसटी समाज के लोगों का फेक सर्वे कराया गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कि खुद अनुसूचित जाति से आते हैं उनके साथ कांग्रेस पार्टी कैसा व्यवहार करती है। यह उन्हें मालूम होना चाहिए। पूनावाला ने एक घटनाक्रम का जिक्र किया जब वायनाड लोकसभा उपचुनाव के दौरान जब प्रियंका गांधी वाड्रा नामांकन दाखिल कर रही थीं तो कांग्रेस चीफ को बाहर रखा गया था।
भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह से प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति को लेकर खड़गे की ओर से टिप्पणी की गई है यह प्रथम परिवार की सोच है। कांग्रेस ने इसी को दर्शाने का काम किया है।
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