यह बयान न केवल मध्य प्रदेश की महिलाओं का अपमान है, बल्कि कांग्रेस की महिला विरोधी कुत्सित मानसिकता का एक अशोभनीय उदाहरण है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सोच महिलाओं के बारे में क्या है, यह तो स्वयं कांग्रेस के नेता भी जानते हैं। चाहे पूर्व कांग्रेस की नेता रहीं राधिका खेड़ा हों या प्रियंका चतुर्वेदी हों, इनके अनुभव तो आज पब्लिक डोमेन में हैं और इससे पूर्व भी कांग्रेस के अनेक नेता महिलाओं के विरुद्ध अत्यंत अशोभनीय टिप्पणियां कर चुके हैं।
चाहे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का महिलाओं के बारे में अशोभनीय बयान हो या धारीवाल का यह दावा कि राजस्थान में रेप इसलिए होते हैं क्योंकि यह ‘मर्दों वाला प्रदेश’ है, कांग्रेस बार-बार अपनी महिला विरोधी सोच को उजागर करती रही है।”
सुधांशु त्रिवेदी ने कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता की बेटी नेहा हीरामत की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान था कि यह ‘दोस्ती का मामला’ था।
उन्होंने कहा, “मैं जीतू पटवारी से कहना चाहूंगा कि मध्य प्रदेश वह राज्य है जिसने भाजपा के शासनकाल में सबसे पहले महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया।



