विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ‘संघ’ की नजर; RSS के साथ बैठक में हुआ फैसला?

भाजपा मुंबई में संघ के हिंदुत्व एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी| बूथवार बैठक में भाजपा विधानमंडल से पार्टी का एक प्रतिनिधि शामिल होगा|

विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ‘संघ’ की नजर; RSS के साथ बैठक में हुआ फैसला?

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लोकसभा में मिले नतीजे के बाद भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नजर है|भाजपा ने संघ के साथ आने की पहल की है| इससे पहले दिल्ली में एक बैठक हुई|इसमें संघ ने कई मामलों में मार्गदर्शन किया|इसके बाद कुछ नीतिगत बदलाव देखने को मिले| बीते लोकसभा में जैसे ही संघ ने लोकसभा से मुंह मोड़ा, भाजपा मुंबई और महाराष्ट्र में पीछे हट गई। इस बार विधानसभा में जीत हासिल करने के लिए संघ भाजपा के साथ मैदान में उतरेगा| इसी को लेकर भाजपा विधानसभा से बूथवार बैठक में पार्टी का एक प्रतिनिधि शामिल होगा|

विधानसभा चुनाव के लिए संघ की निगरानी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा विधायकों ने हाल ही में बैठक की| मुंबई की 36 सीटों पर संघ की नजर भाजपा पर रहेगी|यह बात सामने आ रही है कि भाजपा मुंबई में संघ के हिंदुत्व एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी| बूथवार बैठक में भाजपा विधानमंडल से पार्टी का एक प्रतिनिधि शामिल होगा| इस बार विधानसभा में जीत हासिल करने के लिए संघ भाजपा के साथ मैदान में उतरेगा|

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की बैठक में हुआ फैसला?: संघ के लोकसभा से मुंह मोड़ लेने के कारण भाजपा मुंबई और महाराष्ट्र में पीछे हट गई। 2017 के मुंबई नगर निगम चुनाव में संघ ने अकेले दम पर भाजपा की मदद की थी| इसकी मदद से भाजपा के नगर निगम में पार्षदों की संख्या 31 से बढ़कर 82 हो गई|संघ की मदद से 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंबई में भाजपा ने 3 और महायुति ने 6 सीटें जीतीं| विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने संघ की बदौलत ही अपने दम पर 16 सीटें जीतीं|

लेकिन जब उर्दू भवन के मुद्दे पर जमकर विरोध हुआ तो मुंबई में यामिनी जाधव को उम्मीदवारी दिए जाने से संघ में बेहद नाराजगी थी| इसी नाराजगी के चलते संघ ने लोकसभा चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया तो मुंबई में महागठबंधन को सिर्फ 2 सीटों से ही संतोष करना पड़ा| लोकसभा चुनाव में मुंबई की 3 में से 2 सीटें हारने के बाद भाजपा ने संघ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया| संघ ने आगामी चुनाव में पूरा समर्थन देने का आश्वासन देते हुए भाजपा के हर स्तर पर हस्तक्षेप करने की शर्त रखी है|

विश्व हिंदू परिषद, वनवासी कल्याण आश्रम और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े ऐसे सभी संगठन अब महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए गुप्त और खुले तौर पर काम करेंगे। संघ उम्मीदवारों के चयन में हस्तक्षेप नहीं करेगा। लेकिन साथ ही सूत्रों का कहना है कि संघ ने भाजपा को भरोसा दिलाया है कि एजेंडा लागू करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा|

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