एनआईए ने हाईकोर्ट को बताया है कि मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के मामले से जुड़ मनसुख हिरन की हत्या की साजिश शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा ने रची थी। इसको लेकर अब भाजपा नेे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सवाल पूछे हैं। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदीप शर्मा और इस मामले के दूसरे आरोपी सचिन वाझे से अपने रिॆश्तों को खुलासा करें। बता दें कि दोनों शिवसेना के नेता रहे हैं। प्रदीप शर्मा शिवसेना के टिकट पर विधानसभा चुनाव में भी लड़ चुके हैं।
उपाध्ये ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उद्योगपति अंबानी के घर के बाहर विस्फोटों से भरी गाड़ी खड़ी करने और मनसुख हिरेन की हत्या के षड्यंत्र में पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा सहभागी थे। और इसके लिए सचिन वाझे ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपये की सुपारी दी थी। ऐसा आरोप एनआईए ने प्रतिज्ञा पत्र के माध्यम से लगाया है। इसलिए अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस प्रकरण में चुप न रहते हुए वाझे का समर्थन करके महाराष्ट्र का अपमान करने के लिए सबसे माफी मांगे।
श्री उपाध्ये ने कहा कि,” सचिन वाझे लादेन है क्या ? ” ऐसा प्रश्न करते हुए विधानसभा में वाझे का समर्थन करने वाले मुख्यमंत्री को अब सीधा उत्तर देना चाहिए। मनसुख हिरेन की हत्या करने के लिए सचिन वाझे द्वारा पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को 45 लाख की सुपारी देने और इस षड्यंत्र की योजना पुलिस आयुक्तालय में हुई है ऐसी हतप्रभ करने वाली जानकारी एनआईए के प्रतिज्ञापत्र से सामने आई है। सचिन वाझे की तरह ही प्रदीप शर्मा भी शिवसेना में थे। उन्होंने शिवसेना की ओर से चुनाव लड़ा था। उनका शिवसेना के अनेक नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध है।
जिस कारण राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना से संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया अपराध अधिक गंभीर है। इससे ही हिरेन की हत्या करने के लिए सचिन वाझे ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपये दिए जाने की जानकारी सामने आई है। एक आम पुलिस अधिकारी के पास इतना पैसा आया कहां से, इसकी भी जांच की जानी चाहिए। साथ ही ये दोनों पुलिस अधिकारी किसके इशारे पर गंभीर कार्य कर रहे थे। यह भी सामने आना चाहिए, ऐसी मांग श्री उपाध्ये ने की।
बाकी प्रत्येक बात में महाराष्ट्र का अपमान खोजने वाले व अन्य नेताओं पर सुपारी बाजी का आरोप लगानेवाले शिवसेना के बड़बोले नेताओं, शिवसेना से संबंध रखनेवाले इन पुलिस अधिकारियों के कृत्य से पुलिस विभाग और राज्य का सम्मान बढ़ा है क्या, इसका उत्तर दें, ऐसी सीधी चुनौती उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दी है। इसी वाझे का निलंबन रद्द करके उसे फिर से सेवा में लेने के लिए उद्धव ठाकरे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास अनुरोध किया था।
जिस कारण से इन अपराधियों के नजदीकी संबंध संशयास्पद है। इसलिए मुंह बंद करके चुप न रहकर ठाकरे को सामने आकर महाराष्ट्र की जनता के सामने अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए और ऐसी अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का समर्थन करके महाराष्ट्र का अपमान करने और पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने के लिए सबसे माफी माफी मांगनी चाहिए, ऐसी मांग भी श्री उपाध्ये ने की।
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