ब्रिक्स समिट: पीएम मोदी ने जिनपिंग और पुतिन के सामने आतंकवाद पर पाक को सुनाई खरी-खोटी! 

उन्होंने साफ कह दिया कि आतंकवाद से लड़ाई में डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं है|

ब्रिक्स समिट: पीएम मोदी ने जिनपिंग और पुतिन के सामने आतंकवाद पर पाक को सुनाई खरी-खोटी! 

BRICS-Summit-2024-PM-Modi-scolded-Pakistan-on-terrorism-in-front-of-Jinping-and-Putin-024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 और 23 अक्टूबर को ब्रिक्स समिट के लिए रूस के कजान शहर में लेने पहुंचे थे| इस दौरान उनकी मुलाकात व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई| ब्रिक्स समिट सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर जमकर खरी-खोटी सुनाई| मजे की बात यह रही कि इस दौरान पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चुपचाप सुनते रहे|पीएम मोदी इशारों-इशारों में पाकिस्तान को आतंकवाद पर जमकर खरी खोटी सुनाई|उन्होंने साफ कह दिया कि आतंकवाद से लड़ाई में डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं है|

बता दें कि पीएम मोदी ब्रिक्स समिट से लौट आए हैं|रूसी शहर कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने युद्ध के चक्कर में पड़ी दुनिया को शांति का संदेश दिया|पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत युद्ध का नहीं, केवल डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थक है|इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ के खतरे को दूर करने में ‘दोहरा मापदंड’ नहीं हो सकता|उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी का एकजुट और दृढ़ समर्थन चाहिए| 

पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस गंभीर मामले पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है|’ उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को हमारे देशों में युवाओं के कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है|हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के संयुक्त राष्ट्र में लंबे समय से लंबित मामले पर मिलकर काम करना चाहिए|

पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट में यह टिप्पणी कि आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं है, क्योंकि चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने संबंधी कई प्रस्तावों को संयुक्त राष्ट्र में विफल कर दिया था, जब भी आतंकवाद के मसले पर इंटरनेशनल मंचों पर भारत पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाया है, चीन उसमें अड़ंगा लगा देता है| वह अपना वीटो पावर लगा देता है|

पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट के मंच से स्पष्ट इशारा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद की राह को छोड़ता है तो भारत को बातचीत में कोई हर्ज नहीं है| यही वजह है कि पीएम मोदी ने युद्ध नहीं, बल्कि बातचीत और राजनीति बातचीत की वकालत की| प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पूरी तरह से बातचीत के रास्ते बंद नहीं किए हैं| मगर उसने साफ कहा है कि बगैर शांति के बातचीत हो ही नहीं सकती| यही वजह है कि पीएम मोदी की ब्रिक्स में आतंकवाद पर की गई टिप्पणी पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है|

यह भी पढ़ें-

क्या स्टालिन नाम तमिल है? हिंदी अनिवार्यता का विरोध पर भाजपा मंत्री उदयनिधि का जवाब!

Exit mobile version