केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट में खेल के लिए आवंटन में 351.98 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। वित्त मंत्री ने इस बार खिलाडियों को लेकर खेल बजट में वृद्धी की गयी, जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारे का अच्छा अवसर प्रदान होगा| यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित की गई है। यह 2024-25 में 800 करोड़ रुपये के अनुदान से 200 करोड़ रुपये अधिक है।
कुल मिलाकर, युवा मामले और खेल मंत्रालय को 3,794.30 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था, जो 351.98 करोड़ रुपये की समग्र छलांग है। यह वृद्धि इस बात को ध्यान में रखते हुए की गई है कि अगले एक वर्ष में ओलंपिक या एशियाई खेलों जैसी कोई बड़ी खेल प्रतियोगिता नहीं है। राष्ट्रीय खेल महासंघों को दी जाने वाली सहायता राशि को भी 340 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस कार्यक्रम का वास्तविक आवंटन 596.39 करोड़ रुपये था। अगले साल यानी 2023-24 के बजट में इसे बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया गया था, हालांकि बाद में इसे संशोधित करके 880 करोड़ रुपये कर दिया गया। इसके बाद अब 2025-26 के बजट में खेलो इंडिया के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है। साल 2015-16 के दौरान खेलो इंडिया को 97 करोड़ 52 हजार रुपये मिले थे।
जबकि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस को 350 करोड़ दिए गए थे। वहीं साई को 407 करोड़ मिले थे। 2016-17 के दौरान खेलो इंडिया को 118 करोड़ मिले थे। जबकि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस को 359 करोड़ दिए गए थे। वहीं साई को 438 करोड़ मिले थे। भारत अभी 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रयास कर रहा है, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को एक आशय पत्र सौंपा गया है।
यह भी पढ़ें-
140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट, पीपल्स बजट : पीएम नरेंद्र मोदी