आज से बजट सत्र शुरू हो रहा है|इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत की|उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में नारी शक्ति का महिमामंडन किया|उन्होंने विपक्ष से पिछले दस सालों से सबक लेने और अब भ्रम न फैलाने की अपील भी की|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?: संसदीय बजट सत्र शुरू। राष्ट्रपति का मार्गदर्शन द्रौपदी मुर्मू करेंगी| साथ ही गुरुवार को निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी| यह नारी शक्ति के बोध का काल है। मुझे उम्मीद है कि पिछले 10 वर्षों में संसद में हर किसी ने उस तरह से काम किया है जैसा वे करना चाहते थे।आज मैं कहना चाहता हूं कि जो सांसद दंगा करने के आदी हैं, जो रैगिंग कर लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाते हैं, उन्हें आखिरी सत्र में आत्ममंथन करना चाहिए|
अच्छी बातें याद रहती हैं, भले ही लहजा सख्त हो: अगर विपक्ष अच्छी और वाजिब बातें उठाता है, तो विपक्ष का लहजा कितना भी सख्त हो, हमारी कितनी भी आलोचना हो, लोग उन्हें ही याद रखते हैं, जो अपने भाषण में अच्छे विचार रखते हैं। देश का एक बड़ा वर्ग लोकतंत्र की इस पद्धति में आलोचना का भी स्वागत करता है, भले ही वह हमारे ख़िलाफ़ कितनी ही तीखी प्रतिक्रिया क्यों न करे। लेकिन अब समय आ गया है कि उन लोगों से माफी मांगी जाए जिनकी प्रवृत्ति लोकतंत्र के मूल्यों को ताक पर रखकर भ्रम पैदा करने की है।’ साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भ्रम पैदा करने वाले सांसदों को आत्ममंथन करना चाहिए|
मैं आपको बताना चाहता हूं कि चुनाव नजदीक हो तो पूर्ण बजट पेश नहीं किया जाता| सिर्फ अंतरिम बजट पेश किया गया| मोदी ने यह भी कहा है कि हम उस परंपरा को जारी रखेंगे, जो हमारे देश की प्रगति का ग्राफ बढ़ रहा है। मोदी ने यह भी कहा है कि मुझे विश्वास है कि जनता के आशीर्वाद से वह और आगे बढ़ेंगे|
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