हिमाचल प्रदेश के HRTC बस में एक यात्री के राहुल गांधी के खिलाफ डिबेट सुनने पर ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस भेजा गया है। दोनों को 3 दिनों के अंदर जवाब दोनों को भी कहा गया है। कहा गया है की, बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने अगर 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण नहीं दिया तो उन्हें कारवाई का सामना करना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री के सचिव की तरफ से शिकायत पर HRTC के उप मंडलीय प्रबंधक ने यह नोटिस जारी किया है।
दरसल 1 नवंबर को HRTC की एक बस शिमला से संजौली की तरफ निकली थी। सफर के दरम्यान बस में एक यात्री अपने फोन में ऊंची आवाज में एक वीडियो देख रहा था, जिसमें एक डिबेट चल रही थीं। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम और अन्य लोगों के बीच यह डिबेट का वीडिओ था। दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव के बारे में नेगेटीव बातें हो रही थी। बस में सफर कर रहे एक समर्थक को यह पसंद नहीं आया और वह मामले को लेकर CM ऑफिस तक पहुंच गया।
यात्री के डिबेट देखने को लेकर 5 नवंबर को सीएम ऑफिस में शिकायत हुई। सीएम ऑफिस ने इस मामले को HRTC के पास कारवाई के लिए भेजा। HRTC प्रबंधन ने मामले में 25 नवंबर को बस ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। रिपोर्ट के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि ड्राइवर-कंडक्टर ने यात्री को वीडियो को चलाने रोका नहीं। यह उनका कर्तव्य बनता है, क्योंकि सरकारी वाहन में इस तरह के वीडियो बजाना निषेध है। बताया जा रहा है कि बस के ड्राइवर-कंडक्टर ने उनकी गलती मानने से इनकार किया है।
बता दें की, इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने टॉयलिट सीट पर टैक्स लगाने का जीआर निकाला था, जिसके जरिए हर घर में पानी के कर में टॉयलेट सीट के अनुपात में अतिरिक्त कर देना पड़ता था। हालांकि लोगों की आलोचना के बाद सक्खू सरकार ने ऐसा कोई भी अतिरिक्त टैक्स लगाने से मना किया। इसी के साथ, हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंग सुक्खू के लिए मंगवाए समोसे सुरक्षा कर्मियों द्वारा चट किए गए थे, इस केस को सीआईडी को सौंपा गया था।