29 C
Mumbai
Saturday, July 27, 2024
होमदेश दुनियालोकसभा चुनाव से पहले सरकार की ओर से CAA का अधिसूचना जारी!

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की ओर से CAA का अधिसूचना जारी!

सरकार ने CAA कानून के लिए अधिसूचना जारी कर दी है| दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में संकेत दिया था| साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश की जनता को संबोधित करने वाले हैं| उससे पहले CAA कानून का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है|

Google News Follow

Related

देश की सबसे बड़ी खबर सामने आई है| केंद्र सरकार ने CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है| तो अब देशभर में CAA कानून लागू होने जा रहा है| दिलचस्प बात यह है कि सीएए पांच साल पहले संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था। पांच साल बाद लोकसभा चुनाव की पूर्वसंध्या पर जानकारी सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सीएए लागू करेगी|

सरकार ने CAA कानून के लिए अधिसूचना जारी कर दी है| दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में संकेत दिया था| साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश की जनता को संबोधित करने वाले हैं| उससे पहले CAA कानून का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है| तो अपने संबोधन में क्या कहेंगे मोदी? देशभर के नागरिकों में इसे लेकर उत्सुकता बढ़ गई है|

CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून क्या है?: CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून 3 देशों के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है। यह कानून तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के बारे में है।यह अधिनियम धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भागे लोगों को नागरिकता प्रदान करता है। 6 धार्मिक अल्पसंख्यकों हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिखों को नागरिकता देने का प्रयास किया जाएगा। फिलहाल भारतीय नागरिकता पाने के लिए किसी व्यक्ति को कम से कम 11 साल तक भारत में रहना जरूरी है। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के चलते इस शर्त में 6 साल की छूट दी जाएगी|

सीएए कानून का विरोधियों ने किया विरोध: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए लोगों को स्थायी भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इसमें हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख समुदाय के नागरिक शामिल होंगे। लेकिन इस कानून में मुस्लिम समुदाय शामिल नहीं है|

इसलिए यह कानून मुसलमानों के खिलाफ है| कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी बार-बार आरोप लगाती रही हैं कि देश के नागरिकों की नागरिकता खतरे में है| उन्होंने लगातार इस कानून का विरोध किया है|

यह भी पढ़ें-

नाटकीय घटनाक्रम के बाद नीलेश लंके अजित गुट छोड़ शरद पवार में शामिल?

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,488फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
167,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें