मविआ सरकार के 33 महीने के कार्यकाल…”, चंद्रकांत पाटिल ने की आलोचना !

नीतिगत विशेषताओं, प्रक्रियाओं की जानकारी, लेकिन महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान नहीं लिखा गया था। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सचमुच 33 महीने की अवधि बर्बाद हो गई है।

मविआ सरकार के 33 महीने के कार्यकाल…”, चंद्रकांत पाटिल ने की आलोचना !

33 months tenure of Maviya government…”, Chandrakant Patil criticized!

राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यापक और कुशल है, इसलिए शिक्षा क्षेत्र के सभी तत्वों तक पहुंचाना आवश्यक है, नीतिगत विशेषताओं, प्रक्रियाओं की जानकारी, लेकिन महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान नहीं लिखा गया था। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सचमुच 33 महीने की अवधि बर्बाद हो गई है।
वे यहां श्री शिवाजी शिक्षा संस्थान के श्री शिवाजी कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में बोल रहे थे| कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख पूर्व विधायक बी.टी. देशमुख, विधायक सुलभा खोडके, विधायक प्रवीण पोटे, भाजपा शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर सहित अन्य मौजूद थे। चंद्रकांत पाटिल ने कहा, महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी चल रही है। लेकिन, यह किसी पर थोपा नहीं जाता है।
भविष्य में समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों के ज्यादातर सीईओ भारतीय मूल के हैं। भारत युवाओं का देश है। भारतीय छात्रों की समझ अच्छी है। उनके लिए आने वाले समय में कई अवसर उपलब्ध हैं। शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने हाल ही में जर्मनी का दौरा किया था। 4 लाख कुशल जनशक्ति की आवश्यकता है। वहां की जरूरत को बिजनेस ओरिएंटेड कोर्स पूरा कर सकते हैं।
राज्य के लगभग ग्यारह सौ सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में से 450 से 500 महाविद्यालयों में इस वर्ष से शिक्षा नीति लागू होने की संभावना है। बीच-बीच में महाविकास अघाड़ी सरकार की उपेक्षा के कारण इसमें देरी हुई। भले ही हमारी सरकार को बने हुए बमुश्किल एक साल ही हुआ हो, लेकिन हमने इस नीति को लागू करने की भरसक कोशिश की है। छात्रों को क्रेडिट स्कोरिंग सिस्टम के अनुसार कोर्स पढ़ाया जाएगा। यानी हर सब्जेक्ट का क्रेडिट फिक्स होगा। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि इसमें एकरूपता लाने जा रहे हैं।
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