बिहार के छपरा नगर निगम की मेयर राखी गुप्ता सुर्खियां बटोर रही हैं। राखी गुप्ता ने मेयर के चुनाव में हलफनामा में तीन बच्चों की जगह दो बच्चे ही बताया था। एक बच्चे का जिक्र नहीं किया था। इसके बाद राखी गुप्ता के चुनावी हलफनामे को चुनाव आयोग में चुनौती दी गई थी। जांच के बाद राखी की कुर्सी चली गई। राखी को बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के तहत कार्रवाई की गई है।
राखी गुप्ता ने 2022 में छपरा नगर निगम का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने जीत भी दर्ज की थी। तीन बच्चों की मां राखी गुप्ता ने अपने चुनावी हलफनामे में सिर्फ दो बच्चों का जिक्र किया था। जबकि रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता के तीन बच्चे हैं। लेकिन उन्होंने चुनावी हलफनामे एक बच्चे के नाम का उल्लेख नहीं किया था। जिसके आधार बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के अनुसार उन्हें अयोग्य घोषित करा दिया गया। वहीं, इस मामले में राखी गुप्ता का कहना है कि उन्होंने अपने तीसरे नंबर के बच्चे को एक रिश्तेदार को कानूनी रूप से गोद दे दिया है। इस तरह से क़ानूनी रूप से उनके दो ही बच्चे हैं.
हालांकि चुनाव आयोग ने राखी गुप्ता की इस दलील को दरकिनार करते हुए उन्हें मेयर पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। गौरतलब है कि बिहार नगरपालिका 2007 की धारा 18 (1) (एम) के अधिनियम में यह साफ़ कहा गया कि अगर किसी नागरिक को 4 अप्रैल 2008 के बाद तीन बच्चे होंगे, वह नगर पालिका का चुनाव नहीं लड़ सकता है। इतना ही नहीं इसमें यह साफ़ साफ लिखा गया है कि अगर किसी नागरिक को दो अधिक बच्चे होने पर किसी को गोद भी दिया गया है। तब भी वे उस बच्चे के जैविक माता पिता माने जाएंगे। यानी कहा जा सकता है कि गॉड देने के बाद भी उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है।
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