शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में कुछ मंत्रियों से जुड़े कथिक भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग देखा गया है, जिसमें मंत्री अब्दुल सत्तार भी शामिल हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री शिंदे ने विधान परिषद में इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए विपक्ष की आलोचना की| लेकिन शिंदे द्वारा इस्तेमाल किए गए हिंदी मुहावरे को सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठी मिश्रित हिंदी में बयान दिया, जिसे सुनकर हॉल में हंसी का गूंज गया।
मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि उन्होंने खुलकर बगावत की। “हमने सब कुछ खुलकर किया। यह सार्वजनिक रूप से किया गया था। पूरी दुनिया ने इसे देखा। हमने कुछ नहीं छुपाया। सभी जानते हैं कि हमने अपना स्टैंड क्यों लिया। अम्बादास भी जानता है। लेकिन वह बात नहीं करेगा। अध्यक्ष महोदय, हर कोई जानता है कि हमने क्यों स्टैंड लिया| इस पर विधानसभा अध्यक्ष नीलम गोरे ने मुख्यमंत्री से कहा, ”विषय पर आइए.” मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “नहीं, मैं वही कह रहा हूं जो आपने कहा।”
पिछले कुछ दिनों से अब्दुल सत्तार के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के कुछ नेताओं की कथित संलिप्तता को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयानों से शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी देखने को मिली है, जो मुंह में आए बोलो। एक सहनशक्ति होती है। एक सीमा है। हमने कभी झूठा बयान नहीं दिया और न कभी देंगे। लेकिन कुछ पागलों को यह भी बर्दाश्त नहीं होगा।
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